Frost Effect On Crop: देश में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है. देश के अधिकांश हिस्सों में इस ठंड से आमजन तक प्रभावित है. पाला इतना अधिक पड़ रहा है कि फसलों में गलन शुरू हो गई है. काफी फसलें झुलसा रोग की चपेट में आ रही है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ा पाला गेहूं के लिए फायदेमंद हैं. इसमें गेहूं की फसल लहलहाएगी. जबकि यह पाला अन्य फसलों के लिए घातक हो सकता है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस मौसम में किसानों से फसलों को बचाने की अपील की है. 


आलू पर ऐसे धब्बे दिखें तो हो जाएं अलर्ट


तापमान गिरने के साथ ही फसलें पाले की चपेट में आना शुरू हो जाती हैं. यदि आलू पर दाग, धब्बा दिखने शुरू हो जाएं तो अलर्ट होने की जरूरत है. ये दाग, धब्बे अलग अलग रंगों के हो सकते हैं. इस दौरान किसान को सावधान हो जाना चाहिए. यदि समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह दाग, धब्बे बेहद तेजी से बढ़ते हैं. फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. 


सरसों, राई को घेर लेता है माहू रोग


विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के मौसम में सरसों और राई की हिफाजत करने की जरूरत है. इस सीजन में फसल को माहू रोग घेर लेता है. सरसों और राई की पत्तियों पर इसका असर दिखने लगता है. 


इस दवा का करें छिड़काव


पाले से फसलों को बचाने के लिए दवा का छिड़काव भी जरूरी है. आलू की खेती पर दाग, धब्बे दिखें तो तुरंत मैकनोलिप 50 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर में 2.5 लीटर का घोल बनाकर छिड़काव कर दें. इससे आलू को नुकसान नहीं होगा. वहीं, राई, सरसों को माहू रोग से बचाने के लिए इम्डा क्लोपफाइड केमिकल एक लीटर पानी में दो मिलीलीटर डालकर फसल पर छिड़काव कर देना चाहिए. इससे ठंड से फसल को नुकसान होने से बचाया जा सकता है. 


इस तरह से भी करें ठंड से फसल का बचाव


सिंचाई करें
विशेषज्ञों का कहना है कि पाले से फसल झुलस जाती है. पाले से बचाने के लिए तापमान का नियंत्रण बेहद जरूरी है. सिंचाई करके तापमान नियंत्रित किया जा सकता है. 10 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई कर देनी चाहिए. 


फसल को प्लास्टिक की चादर से ढकें
यदि फसल अधिक एरिया मेें नहीं है तो उसे किसी प्लास्टिक से कवर्ड कर देना चाहिए. इससे पाला सीधे तौर पर ही फसल को नुकसान नहीं पहुचा पाता है. प्लास्टिक के कवर करने से अंदर का तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है. हवा के लिए दो हिस्सों को खोलकर भी रखना चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



यह भी पढ़ें:- पैकेट वाला दूध खरीदते हैं तो आज जान लें क्या है इसकी असलियत, क्यों टेट्रा पैक में कई दिनों तक खराब नहीं होता दूध