Frost Effect On Crop: देश में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने फसलों को नुकसान करना शुरू कर दिया है. कई राज्यों में तापमान माइनस में है. सरसों, मटर, आलू समेत अन्य फसलें झुलसा रोग की चपेट में आ रही हैं. किसान परेशान हैं. बचाव के लिए तमाम इंतजाम कर रहे हैं. वहीं, पाले और कड़ाके की ठंड के कारण कई राज्यों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं. किसान बचाव के लिए तमाम इंतजाम कर रहे हैं.
राजस्थान में 87 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद
राजस्थान में इन दिनों हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है. शीतलहर चलने से राज्यवासी परेशान हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में इस सीजन में बोई गईं रबी की फसलों को शीतलहर और पाले से काफी नुकसान पहुंचा है. राजस्थान में करीब 87480 हेक्टेयर में उगी फसलों को नुकसान पहुंचा है. इनमें सरसों, चना, तारामीरा, जौ, गेहूं और सब्जियां शामिल हैं.
जयपुर में फसलों को हुआ नुकसान
राजस्थान के जयपुर में सरसों को 25 प्रतिशत, चना 25 प्रतिशत, सब्जियां 35 प्रतिशत, जौ 9 प्रतिशत और गेहूं 7 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. ऑवरऑल इसे देखें तो करीब 35255 हेक्टेयर की फसल पाले से बर्बाद हो गई है. सीकर में 31708 हेक्टेयर फसलों को नुकसान हुआ है. यहां सरसों 30 प्रतिशत, तारामीरा 25 प्रतिशत, सब्जियां 15 प्रतिशत बर्बाद हुई हैं. वहीं झुंझनू में सरसों को 10 प्रतिशत, सब्जियां 18 प्रतिशत की हानि हुई है. यहां प्रभावित क्षेत्र 20177 हेक्टेयर है. करौली में सरसों 5 प्रतिशत, सब्जियां प्रतिशत प्रभावित हैं. नुकसान हुआ क्षेत्र 845 हेक्टेयर है. वहीं टोंक में 125 हेक्टेयर में उगाई गई सब्जियों को नुकसान हुआ है. राजस्थ्थान के चुरू में तापमान माइनस डिग्री में पहुंच गया हैं. यहां सरसों की फसलों पर बर्फ जमने से कलियां पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. हनुमानगढ़ में भी किसानो ंको नुकसान उठाना पड़ा है.
इन राज्यों में भी हो रहा फसलों को नुकसान
हरियाणा के रेवाड़ी में पिछले कई दिनों से फसलों को नुकसान हो रहा है. यहां तापमान में बहुत तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, तापमान कम होने से सब्जियों को 30 से 35 और सरसों को 10 से 15 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. खेत में लगी बेलवाली पत्तियों में सिकुड़न आ रही है. करीब 50 से 75 प्रतिशत बेलवाली पत्तियां बर्बाद हो गई हैं. किसानों का कहना है कि बैंगन, खीरा, लौकी, गोभी, टिंडा, टमाटर, गाजर, मूली, पालक, धनिया, मेथी व मटर आदि 30 से 35 प्रतिशत तक फसल खराब हो गई है. वहीं, मध्यप्रदेश स्थित छतरपुर के बक्सवाहा में तापमान में गिरावट से नुकसान हुआ है. चना, मसूर, बटरा, आलू, टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च की फसलें पाला की चपेट में आ गईं है. उत्तर प्रदेश में भी किसानों को नुकसान हो रहा है.
इस तरह फसलों को बचाएं किसान
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडे और पाले से बचाव के लिए किसानों को कदम उठाने की जरूरत है. फसलों को लगातार सिंचाई करते रहने से पाला असर नहीं करेगा. आसपास का तापमान भी 3 से 4 डिग्री सेल्यिस तक गिर जाएगा. खेत के आसपास धुआं करने से भी तापमान नियंत्रित होता है. वहीं, नर्सरी या खेत में लगी फसलों को प्लास्टिक से ढककर भी तापमान में गिरावट आ जाती है. इससे फसलें पाले के कारण दम नहीं तोड़ती हैं. कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेकर खेत में गंधक का छिड़काव भी किया जा सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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