भैया ये यूपी है, आलू की फसल सर्दी से बच जाए इसलिए दनादन देशी शराब छिड़की जा रही है
फसल को पाला से बचाने के लिए सिंचाई करना, धुआं करना, फसल को ढकने जैसे इंतजाम आपने सुने होंगे. लेकिन उत्तर प्रदेश में किसान आलू को पाले से बचाने के लिए उन पर देसी शराब छिड़क रहे हैं.
Frost Effect on Potato: देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पाले के कारण हाथ-पैरों में गलन बढ़ गई है. खेत में खड़ी फसलों पर भी पाले का प्रकोप मंडरा रहा है. कई राज्यों में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, तो कई में 2 से 5 डिग्री तक बना हुआ है. ऐसे में पाले से बचाव के लिए किसान तमाम तरह के जतन कर रहे हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा से आलू की फसल को बचाने का अनोखा ही मामला सामने आया है. यहां के किसानों ने तो भैया पाला से आलू को बचाने के लिए उन पर देसी शराब का छिड़काव ही शुरु कर दिया है.
झुलसा रोग से बचने का है ये जुगाड़
उत्तर प्रदेश के इटावा में किसानों ने आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए देसी शराब का छिड़काव शुरू कर दिया है. मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, किसान आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाने और अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं. किसान पानी में शराब को मिलाकर छिड़काव कर रहे हैं.
किसानों का दावा, मोटा होगा आलू
देसी शराब छिड़कने वाले किसानों का दावा है कि देसी शराब का छिड़काव वह फसल को बचाने के लिए ही कर रहे हैं. उनका कहना है कि देसी शराब के छिड़काव से आलू झुलसा रोग की चपेट में नहीं आएगा. इसके साथ ही वह कहते हैं कि इससे आलू का आकार भी बढ़ जाएगा और उत्पादन भी बढ़ेगा. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ जाएगी.
कृषि अधिकारियों की अपील, शराब न छिड़कें किसान
स्थानीय कृषि विभाग के अधिकारियों का इस पर कहना है कि किसान फसलों पर देसी या अंग्रेजी किसी तरह की शराब का छिड़काव बिल्कुल न करें. इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं. इससे आलू का उत्पादन प्रभावित होगा, साथ ही इसको खाना भी नुकसानदायक हो सकता है. आलू को झुलसा रोग से बचाने के लिए किसान अन्य इंतजाम कर सकते हैं. वह डाइथिंग एम45 का घोल बनाकर फसलों पर छिड़क सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.