Fruit Farming In Karnataka: खेतीबाड़ी में जहां आपदा से नुकसान होता है. वहीं अपनी सूझबूझ और तकनीक से किसान लाखों रुपये भी कमा रहे हैं. मुनाफे को बढ़ाने के लिए आजकल सीमित जगह में कई तरह की फसलों की बुआई करने का चलन बढ़ा है. ऐसा कर किसान मोटी कमाई कर रहे हैं. देश के इस राज्य में भी किसान ने ऐसी ही खेती की हैं. एक जगह पर इतनी तरह के फलों का उत्पादन कर दिया है, जो आप सोच भी नहीं सकते. 


700 तरह के फल, इनमें 40 विदेशी शामिल
कर्नाटक निवासी किसान अनिल बलांजा का बगीचा दक्षिण कन्नड़ जिले में है. उनके पिता कटहल और आम की खेती से जुड़े थे. अनिल को भी शुरू से खेतीबाढ़ी का शौक रहा. उन्होंने सुपाड़ी, नारियल और रबड़ की खेती शुरू कर दी. शुरुआत में उन्होंने काफी मेहनत की. लेकिन जब उस मेहनत का इनाम मिलना शुरू हुआ तो वह बेहद खुश हुए. पिफर उन्होंने बगीचे में देश और दुनिया के अलग अलग फल पेड़-पौधों की बुआई का डिसीजन लिया. इसके बाद उन्होंने अलग अलग देश और दुनिया के पेड़-पौधों को बोना शुरू कर दिया. अब उनके बगीचे में 700 तरह के अलग अलग फल उगते हैं. इनमें से 40 फल विदेशों के हैं. 


बगीचे में ये फल मौजूद
अनिल बलांजा ने अपने बगीचे में जिन फलों की बुआई की है. उनमें एवोकाडो, सैंटोल, केपेल, आम, कटहल, नींबू, अमरूद, जामुन, लोंगान, माप्रांग, जाबोटिकाबा, पुलासन, ड्यूरियन, केंपाडेक और ब्रीबिया जैसे फल शामिल हैं. इन फलों का मूल संबंध मलेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, ब्राजील, थाईलैंड, इंडोनेशिया चीन जैसे करीब 40 देशों से है.


खाद-पानी का समय से रखते हैं ध्यान
अनिल बगीचे में लगने वाले पफलों की रखवाली बड़े ध्यान से करते हैं. सभी पेड़ पौधों को समय से पानी देना, खाद लगाना. यदि किसी पौधों में कीट लगने या रोग होने की संभावना है तो वह पहले ही दवा का छिड़काव कर देते हैं. मिट्टी में पोषक तत्वों की मौजूदगी का ध्यान रखा जाता है. वह इसकी जांच भी कराते रहते हैं. अनिल बलांजा आज इन फलों की बदौलत देश में अलग पहचान रखते हैं और लाखों की कमाई भी कर रहे हैं. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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