नकली पर नकेल! अब बाजार में बिकेगा तो सिर्फ प्राकृतिक सुगंध वाला असली बासमती चावल, FSSAI के नए नियम अगस्त से लागू
Basmati Rice: देश में पहली बार बासमती चावल की क्वालिटी और स्टैंडर्ड पर खास नियम बनाए गए है, जो 1 अगस्त से लागू होंगे. FSSAI के नए रेगुलेटरी स्टैंडर्ड से नकली बासमती पर भी लगाम कसने में मदद मिलेगी.
Regulatory Standard for Basmati Rice: भारतीय बासमती चावल का पूरी दुनिया में बोलबाला है. साल 2022-23 में बासमती चावल का निर्यात 24.97 लाख टन दर्ज किया गया है. अमेरिका, यूरोप के साथ-सात अरब देशों में भी भारतीय बासमती चावल की भारी डिमांड रहती है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में भारत ना सिर्फ चावल का बड़ा उत्पादक, बल्कि एक बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है. पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय बाजार मानकों के आधार पर खरा उतरने के बाद ही बासमती चावल का निर्यात किया जाता है, लेकिन देश में आज भी कई व्यापारी और चावल कंपनियां विपरीत मानकों में नकली बासमती चावल बेचकर अपनी जेबें भर रहे हैं.
ऐसी गैर-कानून गतिविधियों पर अब भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI ने लगाम कस दी है. बता दें कि FSSAI ने बासमती चावल की क्वालिटी और स्टैंडर्ड के लिए खास नियम तय कर दिए हैं, जिनका पालन चावल कंपनियों को करना ही होगा. ये नियम 1 अगस्त 2023 से देशभर में लागू हो जाएंगे.
अब बिकेगा सिर्फ नेचुरल बासमती
आपको बता दें कि असली बासमती वही होता है,जिसमें प्राकृतिक सुगंध होती है, लेकिन कई कंपनियां आज आर्टिफिशियल कलर, नकली पॉलिश और बाहरी महक के साथ बासमती चावल तैयार करके देशभर में बेच रही हैं. ऐसी कंपनियों पर लगाम कसते हुए अब भारत सरकार के बजट में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (फूड प्रोडक्ट स्टैंडर्ड एंड फूड एडिटिव) फर्स्ट अमेंडमेंट रेगुलेशन 2023 नोटिफाई किया गया है.
इसमें बासमती चावल के लिए खास स्टैंडर्ड निर्धारित किए गए हैं, ताकि असली बासमती की पहचान, सुगंध, रंग और बनावट के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके. नए नियमों में ब्राउन बासमती, मिल्ड बासमती, पारबॉइल्ड ब्राउन बासमती और मिल्ड पारबॉइल्ड बासमती चावल को प्रमुखता से जोड़ा गया है.
किसे कहेंगे असली बासमती चावल
भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI द्वारा निर्धारित रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स के अनुसार, असली बासमती चावल वही होगा, जिसमें प्राकृतिक सुगंध होगी. बासमती चावल में किसी भी तरह की आर्टिफिशियल पॉलिश, खुशबू या रंग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
चावल कंपनियों को भी बासमती चावल के पकने से पहले और पकने के बाद का आकार निर्धारित करना होगा. इतना ही नहीं, चावल कंपनियों को बासमती चावल में नमी की मात्रा, एमाइलॉज की मात्रा, यूरिक एसिड के साथ-साथ बासमती चावल में टुकड़ों की उपस्थिति और इनकी मात्रा की पूरी जानकारी देनी होगी.
1 अगस्त से लागू हो जाएंगे नियम
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा बासमती चावल के लिए निर्धारित रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स 1 अगस्त 2023 से लागू हो जाएंगे. इन नियमों का प्रमुख मकसद बासमती चावल में हो रही मिलावट को रोकना और ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है, क्योंकि बाजार में प्राकृतिक सुगंध वाला प्रीमियम बासमती चावल काफी महंगा बिकता है, जो पूरी तरह इसके उत्पादन लागत पर निर्भर है.
बासमती चावल को उगाने से लेकर इसकी देखभाल, कटाई, प्रोसेसिंग और स्टोरेज का खास ध्यान रखा जाता है, ताकि खुशबूदार लंबे दाने वाले प्राकृतिक चावल को ग्राहकों तक सही सलामत पहुंचाया जा सके.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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