Fule Consumption In India: भारत कृषि प्रधान देश है. देश की अर्थव्यवस्था खेती किसानी पर ही टिकी है. बढ़ती तकनीक में ईधन का उपयोग बढ़ा है. खासकौर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में डीजल की खपत बढ़ी है. देश में डीजल की खपत के मौजूदा आंकड़ें सामने आए हैं. उनके अनुसार, देश में डीजल की खपत पिछले कुछ सालों में बढ़ गई है. खेती में उन्नति के लिहाज से यह खबर सुखद है.
डीजल की बिक्री 73 लाख टन हुई
डीजल की बिक्री के जो प्रांरभिक आंकड़ें सामने आए हैं. उनके अनुसार, ईधन डीजल की बिक्री पिछले महीने के सापेक्ष 13 प्रतिशत बढ़कर 73 लाख टन हो गई हैं. जून में डीजल की बिक्री सर्वाधिक देखी गई थी. इसके बाद दिसंबर में स्थिति ठीक रही हैं. वहीं नवंबर 2022 से डीजल बिक्री की तुलना करें तो 0.5 प्रतिशत की बेहद कम गिरावट देखने को मिली है. दिसंबर 2020 में डीजल की खपत 14.8 प्रतिशत, जबकि कोरोना आने से पहले 2019 की तुलना में 11.3 प्रतिशत अधिक है.
पेट्रोल की बिक्री बढ़कर हो गई 27.6 लाख टन
देश का किसान खेती मेें पेट्रोल और डीजल का लगातार उपयोग कर रहा है. इसकी वजह से सालाना आधार पर पेट्रोल और डीजल की मांग बढ़ गई है. आंकड़ों के अनुसार, एक साल में दो लाख टन से अधिक पेट्रोल की खपत बढ़ी है. पिछले महीने पेट्रोल की बिक्री 8.6 प्रतिशत बढ़कर 27.6 लाख टन हो गई जबकि पिछले साल इसी महीने में 25.4 लाख टन खपत थी. कोविड-19 के दौरान दिसंबर 2020 की तुलना में बिक्री 13.3 प्रतिशत और कोरोनो से पहले दिसंबर 2019 की तुलना में 23.2 प्रतिशत अधिक रही है.
एलपीजी का उपयोग 27 लाख टन हुआ
आंकड़ों के अनुसार, देश में एलपीजी के इस्तेमाल का ग्राफ भी बढ़ा है. दिसंबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 7.7 प्रतिशत बढ़ी और यह 27.2 लाख टन हो गई. दिसंबर 2020 की तुलना में एलपीजी की खपत 7.7 प्रतिशत और दिसंबर 2019 की तुलना में 15.9 प्रतिशत अधिक रही है. मासिक स्थिति देखें तो एलपीजी खर्च नवंबर के 25.5 लाख टन की तुलना में 6.47 प्रतिशत बढ़ गई है. वहीं, विमानन ईंधन (ATF) की मांग दिसंबर के दौरान 18 प्रतिशत बढ़कर 6 लाख 6 हजार टन हो गई. यह मांग दिसंबर, 2020 की तुलना में 50.6 प्रतिशत अधिक है, लेकिन दिसंबर, 2019 की सापेक्ष 12.1 प्रतिशत कम दर्ज की गई.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.