G20 Summit: गांव-गांव घूमकर खेती किसानी भी देखेंगे जी-20 के सदस्य, यहां सरकार का है अलग प्लान
जी-20 सम्मेलन में शामिल होने वाले विदेशी मेहमानों को उत्तर प्रदेश के गांवों की खेती, विविध कला, सभ्यता, संस्कृति, विकास से रूबरू कराया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार तैयारियों में जुटी है
Agriculture Growth In Uttar Pradesh: भारत में इस वर्ष जी-20 देशों का सम्मेलन होगा. इसको लेकर केंद्र सरकार तैयारियों में जुटी हैं. केंद्र सरकार की कोशिश है कि देश में निवेश के लिए बेहतर मनाया जा रहा है. वहीं देश का एक राज्य भी विदेशियों की मेजबानी में जुट गया है. राज्य सरकार जी-20 के सदस्य और उनके साथ आने वाले मेहमानों को अपनी खेती किसानी से रूबरू कराएंगी. राज्य सरकार इसे निवेश के लिहाज से भी बड़े अवसर के रूप में देख रही है.
विदेशी मेहमानों की मेजबानी करेगा उत्तर प्रदेश
जी-20 देशों से आने वाले मेहमानों की मेजबानी करने का मौका उत्तर प्रदेश को भी मिलेगा. राज्य सरकार इसकी तैयारियों में जुटी हुई है. प्रदेश सरकार मेहमानों को यूपी के गांवों की खेती, संस्कृति और सभ्यता से रूबरू कराएगी. प्रदेश सरकार ने किस तरह से गांवों को आदर्श गांव बनाने का काम किया है. उन्हें यह भी दिखाया जाएगा.
प्रदेश के 4 शहरों में आयोजित होंगे कार्यक्रम
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, जी-20 सम्मेलन के कुछ कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के 4 शहरों में भी आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों में आने वाले विदेशी मेहमानों ही प्रदेश के गांवों में घूमने के लिए न्यौता दिया जाएगा. प्रदेश के आगरा, लखनऊ, वाराणसी और नोएडा में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
ग्राम-20 मिशन मोड पर काम करेगी सरकार
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास मामलों के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसकी कमान संभाल ली हैं. उन्होंने बैठक कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं. बैठक में जी-20 में आने वाले विदेशी मेहमानों को ग्राम दर्शन कराने की कार्ययोजना पर मंथन किया गया है. अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इन जिलों में 20-20 गांव चिन्हित किए जाएं. वहां विदेशी मेहमानों को घूमने के लिहाज से माहौल तैयार किया जाए. राज्य सरकार एक मिशन मोड में काम करेगी, लिहाजा इस विजिट को ही ग्राम-20 मिशन नाम दिया है.
इस वजह से चिहिन्त किए गए हैं गांव
भारत की पहचान उसके ग्रामीण परिवेश से जुड़ी हुई है, इसलिए राज्य सरकार की कोशिश है कि विदेशी मेहमानों को अपनी विविध संस्कृति, कला और सभ्यता से परिचित कराया जाएगा. इसलिए ऐसे गांव ही चिन्हित किए जा रहे हैं, जिनकी अपनी एक एतिहासिक पहचान हो. वहां विरासत स्थल हो. पर्यटन क्षेत्र में अव्वल हो. गांव में साफ सफाई के साथ स्वरोजगार परक उन्नत खेती के श्रेष्ठ मॉडल दिखाए जा सकें. इस विजिट से राज्य सरकार देश के आत्मनिर्भर गांवों की झलक दुनिया के सामने रखना चाहती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.