(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mushroom Farming: लकड़ी से निकलकर सोने के भाव बिकेगा ये जादुई मशरूम, इसे उगाकर मालामाल हो रहे हैं किसान
Ganoderma Mushroom: गैनोडर्मा मशरूम की खेती के लिये खाद-उर्वरक का तामझाम नहीं करना पड़ता, क्योंकि ये साबुत लकड़ी पर ही उगाया जाता है.
Ganoderma Magical Mushroom Farming: भारत के किसान अतिरिक्त आमदनी के लिये खेती और पशुपालन के साथ-साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation) भी कर रहे हैं. मशरूम की साधारण किस्में इन किसानों के लिये असाधारण कमाई का जरिया बनती जा रही है. बाजार में एक मशरूम की किस्म ऐसी भी है, जिसकी खेती से 4 लाख तक की आमदनी आराम से हो सकती है.
इस चमत्कारी मशरूम का नाम है गैनोडर्मा ल्यूसिडम (Ganoderma Lucidum) है. गैनोडर्मा मशरूम (Ganoderma Mushroom) के चमत्कारी गुणों के कारण इसे अमरता का मशरूम (Mushroom of Immortality),आकाशीय जड़ी-बूटी (Celestial Herb) और शुभ जड़ी-बूटी मशरूम (Auspicious Herb) के नाम से भी जानते हैं. पूरी दुनिया में ये लाल रेशी मशरूम (Red Reishi Mashroom) के नाम से लोकप्रिय है.
गैनोडर्मा मशरूम के फायदे (Benefits of Ganoderma Mushroom)
गैनोडर्मा मशरूम में चमत्कारी औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जिनसे डायबिटीज, कैंसर, सूजन, अल्सर के साथ-साथ बैक्टीरिया और त्वचा से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म किया जा सकता है. दवाई बनाने वाली कई कंपनियां गैनोडर्मा मशरूम से चाय, कॉफी, एनर्जी सप्लीमेंट, हेल्थ बूस्टर, पेय पदार्थ, पके हुये फूड्स और एंटी-एजिंग ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बना रही हैं.
कहां करें गैनोडर्मा मशरूम की खेती(Process of Ganiderma Mushroom Farming)
भारत की देवभूमि उत्तराखंड में भी कई किसान इस चमत्कारी मशरूम की खेती करके लाखों की आमदनी ले रहे हैं. इसकी व्यावसायिक खेती के लिये भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
- गैनोडर्मा मशरूम की खेती के लिये खाद-उर्वरक का तामझाम नहीं करना पड़ता, क्योंकि ये साबुत लकड़ी पर ही उगाया जाता है.
- इसकी खेती के लिये गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे बेहतर रहती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों के मिले-जुले जंगलों में ये प्राकृतिक रूप से उगता है.
- पिछले कुछ समय से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों और राजस्थान में भी इसकी खेती के सफल कारनामे देखे गये हैं.
जादुई मशरूम से जादुई कमाई (Magical Income by Ganoderma Mushroom)
- गैनोडर्मा मशरूम कोई नयी प्रजाति नहीं है, विदेशों में कई सदियों से इसकी औषधीय खेती की जा रही है. खासकर चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों को इसके बड़े उत्पादक के तौर पर देखा जाता है. इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण विदेशों में बडे पैमाने पर इसकी खेती हो रही है.
- भारत में भी गैनोडर्मा मशरूम के प्रति जागरुकता फैलाई जा रही है, ताकि यहां के किसान भी इसकी खेती करके अच्छी आमदनी ले सके हैं. भारत के कई किसान गैनोडर्मा मशरूम की खेती से जुड़ चुके हैं और सालाना 3 लाख से 3.5 लाख की कमाई कर रहे हैं.
- खासतौर पर बात करें उत्तराखंड के किसानों की तो यहां के किसान कोरोना महामारी के दौरान गैनोडर्मा मशरूम की खेती से जुड़े थे और आज इससे लाखों की आमदनी लेकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
राजस्थान में गैनोडर्मा की खेती (Ganoderma Mushroom Farming in Rajasthan)
गैनोडर्मा मशरूम की खेती (Ganoderma Mushroom Farming) से बेशक पहाड़ों के किसान अच्छी आमदनी ले रहे हैं, लेकिन भारत में इसके सफर की शुरुआत राजस्थान (Rajasthan) से हुई. साल 2010 में राजस्थान के सीकर में रहने वाले सफल किसान मोटाराम शर्मा को भारत में सबसे पहले गैनोडर्मा मशरूम (Ganoderma Mushroom) उगाने का खिताब प्राप्त है. बता दें कि मोटाराम शर्मा कई सालों से मशरूम की खेती (Mushroom Farming) कर रहे हैं. जादुई मशरूम गैनोडर्मा की खेती के लिये इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
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