Commercial Farming: बारिश में जरबेरा का फूल देगा लाखों का मुनाफा, जानें मालामाल करने वाली इस खास तकनीक के बारे में
Flower Cultivation: जरबेरा की खेती से अच्छा लाभ लेने के लिये जैविक तरीकों से तैयार उपजाऊ में ड्रिप इरिगेशन यानी टपक सिंचाई तकनीक से सिंचाई करें. इससे पैसा और श्रम दोनों की बचत होगी.
Gerbera Flower Cultivation: भारत में बारिश का मौसम किसानों के लिये खुशियों की सौगात लेकर आता है. ज्यादातर किसान इस सीजन में नकदी फसलों की खेती करते हैं, जिसमें फल, सब्जियां और अनाज भी शामिल है. बता दें कि मानसून में फूलों की खेती (Flower Cultivation) करने पर सोच से अधिक मुनाफा मिलता है. खासकर बात करें जरबेरा फूल के बारे में तो इसकी बढ़ती खपत के कारण किसानों को अच्छी आमदनी मिल सकती है.
औषधीय गुणों (Medicinal Plant) से भरपूर जरबेरा फूल (Gerbera Flower) खुशबूदार और आकर्षक होते हैं, जो मधुमक्खियों और तितलियों को भी अपनी तरफ खींचते हैं, इसलिये जरबेरा की खेती (Gerbera Flower Cultivation) के साथ-साथ मधुमक्खी पालन (Honey Farming with Flower Cultivation) करके डबल कमाई भी कर सकते हैं.
किस काम आता है जरबेरा फूल
जरबेरा के सुगंधित फूल ज्यादातर सजावट के काम में लिये जाते हैं. इसके फूलों को 1 से 2 सप्ताह तक सिर्फ पानी के सहारे नया रख सकते हैं.
- ज्यादातर शादियों और पार्टियों में सजावट के साथ-सात इन्हें गुलदस्ते के रूप में दिया जाता है.
- जरबेरा के फूल तो खुशबूदार होते ही है, साथ ही इसकी पत्तियां का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में किया जाता है.
- इसके फूल भी एसेंशियल ऑइल (Gerbera Essential oil) और रूम फ्रेशनर बनाने के काम में लिये जाते हैं.
कहां करें जरबेरा की खेती (Gerbera Flower Cultivation)
जहां जरबेरा फूल की मांग और खपत का अंदाजा हो, वहीं इसकी खेती करना चाहिये. किसान चाहें तो बड़े-बड़े शहरों से सटे ग्रामीण इलाकों में जरबेरा फूल की खेती कर सकते हैं, क्योंकि होटलों, शादी-समारोह, त्यौहार और फूल मंडियों में इसे आसानी से बेच सकते हैं.
- जरबेरा की व्यावसायिक या कांट्रेक्ट खेती (Contact Farming) करना भी फायदे का सौदा साबित हो सकता है, जिसमें कुछ कंपनियां एसेंशियल ऑइल और आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicines)बनाने की लिहाज से इसकी खेती करवाती है.
- जरबेरा फूल की खेती खुले खेत या पॉली हाउस (Polyhouse Farming) में भी कर सकते हैं. अगर इसकी खेती के जरिये अधिक आमदनी के लिये साथ में मधुमक्खी पालन की यूनिट भी लगा सकते हैं.
- वैसे तो झारखंड की जमीन इसकी खेती के लिये सबसे ज्यादा उपयुक्त है, लेकिन महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी कई किसान इसे उगा रहे हैं.
- इसकी खेती से अच्छा लाभ लेने के लिये जैविक तरीकों से तैयार उपजाऊ में ड्रिप इरिगेशन यानी टपक सिंचाई तकनीक (Drip Irrigation Technique) सिंचाई करें. इससे पैसा और श्रम दोनों की बचत होगी.
जरबेरा फूल से लाखों का मुनाफा (Income From Gerbera Flowers)
जरबेरा के फूलों की खेती के लिये शुरुआती लागत 5000 रुपये तक ही आती है, जिसमें एक बार बुवाई-रोपाई करने के बाद अगले 3 साल तक फूलों का उत्पादन मिलता है.
- पहली बार बुवाई करके अगले 90 दिनों में फूल आने लगते हैं, जिससे कम से कम 10 बार फूलों की तुड़ाई कर सकते हैं.
- पॉलीहाउस में इसकी खेती करने के लिये 30X30 मीटर की जगह में ढांचा तैयार करके 3200-3300 जरबेरा के पौधे लगा सकते हैं.
- बात करें इसके बाजार की जारबेरा के एक ही फूल की कीमत 5-6 रुपये है, जिससे एक बारी में 700-800 फूलों की तुड़ाई करके बेचने पर 3500 रुपये की आमदनी होती है.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जरबेरा की खेती करके हर 6 महीने में 1 लाख 80 हजार रुपये का लाभ ले सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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