Nagpur Orange: दुनिया भर में नागपुर का संतरा काफी फेमस है. इस संतरे को जीआई टैग भी मिल चुका है. हालांकि क्यों नागपुर का संतरा ही इतना खास है कि इसे जीआई टैग मिला? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब.


नागपुर के संतरों को वर्ष 2014 में जीआई टैग मिला. नागपुर को "ऑरेंज सिटी" नाम से जाना जाता है. यहां के मैंडरिन किस्म के संतरे भारत में सबसे लोकप्रिय हैं. मैंडरिन संतरे विदर्भ क्षेत्र की सतपुड़ा पहाड़ियों में उगाए जाते हैं. नागपुर के संतरे अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए मशहूर हैं.






जीआई टैग क्या होता है?


जीआई टैग किसी उत्पाद को उसके भौगोलिक मूल के आधार पर दिया जाने वाला एक विशेषाधिकार है. यह दर्शाता है कि वह उत्पाद किसी विशेष क्षेत्र में पारंपरिक तरीके से उत्पादित किया जाता है और उसकी गुणवत्ता उस क्षेत्र की प्राकृतिक और मानवीय विशेषताओं के कारण होती है.


क्यों मिला नागपुर संतरे को जीआई टैग



  • नागपुर के संतरे अपने मीठे स्वाद, रसीले गूदे और उच्च पोषण मूल्य के लिए जाने जाते हैं. यह सब नागपुर की मिट्टी, जलवायु और खेती की परंपरागत विधियों का नतीजा है.

  • नागपुर और उसके आसपास का क्षेत्र संतरे की खेती के लिए बहुत अनुकूल है. यहां की मिट्टी में आवश्यक खनिज पदार्थ होते हैं और जलवायु संतरे के पौधों के विकास के लिए बिल्कुल सही है.

  • नागपुर में संतरे की खेती सदियों से होती आ रही है. यहां के किसानों ने संतरे की खेती की विशेषज्ञता हासिल कर ली है और वे पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाले संतरे उत्पादित करते हैं.

  • जीआई टैग मिलने से नागपुर संतरे को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में पहचान मिलती है. इससे इसकी मांग बढ़ती है और किसानों को बेहतर दाम मिलते हैं.


जीआई टैग मिलने के फायदे



  • नागपुर संतरे को अब दुनिया भर में एक विशिष्ट उत्पाद के रूप में पहचाना जाता है.

  • जीआई टैग मिलने से संतरे की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए मानक तय किए जाते हैं.

  • जीआई टैग के कारण नागपुर संतरे की कीमत बढ़ती है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है.

  • संतरे की खेती और प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं.


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