UP Agri Export: भारत की लगभग 12% उपजाऊ जमीन उत्तर प्रदेश में ही है. यहां से देश का खरीब 20% खाद्यान्न उत्पादन मिलता है. यूपी के कई कृषि उत्पादों को जीआई टैग भी मिला है. साथ ही, राज्य में जैविक और प्राकृतिक खेती काफी प्रमोट किया जा रहा है. यही कारण है कि विदेशों में अब यूपी के कृषि उत्पादों से लेकर डेरी और प्रोसेस्ट मीट तक की काफी डिमांड है. ये उत्पादन सीधा 15 देशों में निर्यात किए जा रहे हैं. अब कृषि निर्यात में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए यूपी सरकार ने नया प्लान तैयार किया है. अब जल्द यूपी के कृषि और तमाम फूड प्रॉडक्ट्स 22 देशों में पहुंचेंगे. कृषि संबंधी विभिन्न उत्पादों की मांग बढ़ाने के लिए सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (Global Investors Summit 2023) के जरिए फूड प्रोसेसिंग, डेयरी और पशुपालन के क्षेत्र में 50,000 करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है. इस बजट से ही 7 और देशों में यूपी  के कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग होगी.


जीआईएस 2023 के लिए बड़ी प्लानिंग
यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार ने नई योजना तैयार की है. इस प्लान से यूपी के किसानों की आमदनी बढ़ेगी ही, यूपी के तमाम कृषि उत्पादों की देश-विदेश में मांग भी होगी. उत्तर प्रदेश में अगले साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जाएगा. यहां राज्य का कृषि निर्यात (Agri Export) बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ के निवेश की योजना बनाई है. इससे यूपी के  फल, सब्जी, अनाज, डेरी और मीट से बने प्रसंस्कृत उत्पादों को 22 देशों तक पहुंच मिलेगी.


बता दें कि भारत से निर्यात होने वाले गेहूं और चावल में यूपी की हिस्सेदारी 2-2% है. भारत के कुल निर्यात में यूपी से फल और सब्जियों का 4%, दूध उत्पादों का 7% और प्रोसेस्ड मीट का 55% एक्सपोर्ट हो रहा है. राज्य के कृषि, डेरी और मीट उत्पादों की कृषि निर्यात में 15 से 20% तक हिस्सेदारी बढ़ाने का प्लान है. इसके लिए सरकार ने 5 साल का रोड़मैप भी तैयार किया है.


किस देश में क्या हो रहा निर्यात
भारत से अनाज, फल, सब्जी, औषधी से लेकर डेयरी और मीट प्रॉडक्ट्स का भी निर्यात किया जा रहा है. इनकी लिस्ट नीचे दी गई है.



  • चावल का निर्यात- ईरान-, सऊदी अरब और ईराक

  • गेहूं का निर्यात- बांग्लादेश, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात

  • फल और सब्जी का निर्यात- संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, सऊदी अरब

  • मिल्क प्रॉडक्ट्स- अमेरिकी, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर

  • प्रोसेस्ड मीट- वियतनाम, मिस्र और मलेशिया


7 और देशों में ब्रांडिंग का प्लान 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के कुल कृषि निर्यात में यूपी के कृषि उत्पाद 15 देशों में भेजे जाते हैं. अब इसे 7 और देशों तक विस्तार करने की योजना है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है. यूपी सरकार ने इन 7 देशों में चुनिंदा कृषि उत्पादों के निर्यात  का लक्ष्य रखा है. 



  • चावल का निर्यात- यमन, बांग्लादेश और अमेरिका

  • गेहूं का निर्यात- नाइजीरिया और सूडान

  • फल और सब्जी का निर्यात- चीन, नीदरलैंड और हांगकांग

  • दूध उत्पाद- मिस्र, ओमान और इंडोनेशिया

  • प्रोसेस्ड मीट- चीन, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान 


किसान को मिलेगा फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार एक प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, जिसे मुख्य सचिव स्तर से मंजूरी मिल गई है. सरकार के इस कदम का सीधा फायदा 3 करोड़ किसानों, डेयरी और मीट कारोबार से जुड़े व्यवसायियों को ही मिलेगा, हालांकि कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए अब यूपी सरकार ने उत्पादन पर फोकस करना होगा.


राज्य में खेती की लागत को कम करने के लिए जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल ही रहा है. किसानों तक मौसम की जानकारी से लेकर फल की मैपिंग और कृषि ड्रोन की सुविधा पहुंचाने की भी योजना है. किसानों को दलहन-तिलहन और मोटे अनाजों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. तकनीकी सहायता के लिए तमाम सब्सिडी योजनाएं और किसानों के क्लस्ट बनाने का भी प्लान है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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