Goat Breeding Training Center: बकरी पालन को भी मुनाफे का बिजनेस बताया जाता है. इसे गरीब की गाय या छोटे किसानों की एटीएम भी कहते हैं. बाजार में बकरी के दूध और मटन की काफी मांग है, इसलिए जगह-जगह बकरी फार्म खुलते जा रहे हैं. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें भी बकरी पालन के लिए किसानों को तकनीकी और आर्थिक मदद दे रही हैं. एक तरफ केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन स्कीम के तहत लाभार्थी पशुपालकों को बकरी खरीदने के लिए सब्सिडी और ट्रेनिंग का प्रावधान है तो वहीं बिहार सरकार ने भी समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना चलाई है, जिसके तहत समय-समय पर 10 बकरी+ 1 बकरा, 20 बकरी + 1 बकरा, 40 बकरी + 2 बकरा की क्षमता वाले बकरी फार्म खोलने के लिए अनुदान दिया जाता है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या है कि बकरी की खरीद-बिक्री के लिए सही जानकारी कहां से लें.
प्रजनन एवं प्रशिक्षण केंद्रों से मिलेगी सही जानकारी
बांका जिले के पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राणा दिग्विजय सिंह के मुताबिक बकरी प्रशिक्षण एवं प्रजनन केंद्र 3 एकड़ में फैला हुआ है, जहां बकरी पालन के लिए पशुपालकों को प्रशिक्षण, नस्ल सुधार की ट्रेनिंग, बकरी की खरीद-बिक्री से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी दी जाती है. यहां प्रमुख रूप से सिरोही, बीटल, बरबरी, जमुनापारी, हिसार ब्रीड की बकरियां मौजूद हैं, जिनसे नस्ल का काम होता है.
बीमार बकरियों का उपचार
बांका के इस प्रशिक्षण केंद्र में ग्रामीणों, पशुपालकों या किसानों को बकरी पालन से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है, ताकि इस सेक्टर का विकास-विस्तार किया जा सके और पशुपालक भी बकरी पालन से सही आय ले सकें. इन केंद्रों में यदि कोई भी पशुपालक बीमार बकरियों को भी लातें हैं तो विशेषज्ञ उसे समय पर उपचार मुहैया करवाते हैं.
यहां मिलती है हर जानकारी
बकरी पालन प्रशिक्षण एंव प्रजनन केंद्र सिर्फ बांका जिले में ही नहीं, बल्कि कई जिलों में स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा, पशु चिकित्सालय या पशुपालन विभाग की ओर से बकरियों की नस्ल, प्रशिक्षण, नस्ल ,सुधार और बकरी पालन के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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