Animal Husbandry & Dairy Farming: भारत में दूध उत्पादन (Milk Production) बढ़ाकर पशुपालकों को समृद्ध बनाने के लिये केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही हैं, जिसके तहत किसानों को उचित दरों पर लोन और सब्सिडी (Subsidy on Dairy Farming) भी दी जाती है. इस काम में नाबार्ड (NABARD) और बैंक अहम रोल अदा करते हैं और किसानों को कृषि (Agriculture) और पशुपालन व्यवसाय (Dairy Business)  को बड़े स्तर पर चलाने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किसान और पशुपालकों को भी इसी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान की जा की जा रही है. यहां दूध गंगा योजना (Doodh Ganga Yojana) के तहत अधिकतम 24 लाख रुपये का लोन कम दरों पर उपलब्ध करवाया जायेगा.


क्या है दूध गंगा योजना (What is Doodh Ganga Yojana)
इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिये राज्य सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक अनुदान दिया जाता है. हिमाचल प्रदेश के किसानों को ये अनुदान उन्नत नस्ल की गाय और भैंसों को खरीद के लिये दिया जायेगा. इस योजना के तहत राज्य में दूध उत्पादन करने वाले सूक्ष्म उद्यमों को डेयरी व्यवसाय उद्यम में भी बदला जायेगा, जिससे किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढेगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे.



  • दूध गंगा योजना के तहत पारंपरिक डेयरी फार्मों को मशीनों और उपकरणों से लैस स्मार्ट डेयरी फार्म (Smart Dairy Farming)  में बदला जायेगा.

  • योजना के तहत उत्तम नस्ल दुधारु पशुओं को तैयार करने के लिये छोटे पशुओं को संरक्षण भी प्रदान किया जायेगा.

  • इस योजना के जरिये आधुनिक डेयरी फार्मों (Advanced Dairy Farm) बनाये जायेंगे, जिससे रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा.

  • इस काम को आसान बनाने के लिये एससी और एसटी वर्ग के किसानों और पशुपालकों को 33 फीसदी तक सब्सिडी का  प्रावधान है.

  • वहीं सामान्य वर्ग वाले किसानों को 25% तक अनुदान दिया जायेगा.

  • इस योजना के जरिये पशुओं की खरीद के लिये भी अनुदान दिया जायेगा, जिसमें देसी गाय-भैस के लिये 20% और जर्सी गाय के लिये 10% आर्थिक अनुदान मिलेगा.


इन्हें मिलेगा आर्थिक लाभ (Eligibility for Dairy Farming Subsidy)
दूध गंगा योजना के तहत आर्थिक अनुदान का लाभ लेने के लिये पात्रता निर्धारित की गई है, जिसमें किसानों, दूध से जुड़े व्यक्तिगत उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, दूध उत्पादक कंपनियां, असंगठित और संगठित क्षेत्र के समूहों को शामिल किया गया है. इसके अलावा संगठित क्षेत्र के समूहों में स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियाँ, दुग्ध संघ भी सब्सिडी और लोन के लिये आवेदन कर सकते हैं.


अलग-अलग कामों के लिये सब्सिडी (Subsidy Percentage for Dairy Farming)
हिमाचल प्रदेश में डेयरी फार्मिंग(Dairy Farming)  के लिये दूध गंगा योजना में अलग-अलग कामों के लिये अलग अलग दरों से सब्सिडी का प्रावधान है.




यहां करें आवदेन (Apply Here for Dairy Farming Subsidy) 
दूध गंगा योजना (Doodh Ganga Yojana) से जुड़कर आर्थिक अनुदान का लाभ लेने के लिये हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग (Department of Animal Husbandry, Himachal Pradesh) की ऑफिशियल वेबसाइट hpagrisnet.gov.in/hpagris/AnimalHusbandry पर आवेदन कर सकते हैं.



  • अधिक जानकारी के लिये हिमाचल प्रदेश में निकटतम जिले के राज्य पशुपालन कार्यालय (State Animal Husbandry Office)  में भी संपर्क करके योजना से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

  • इस मामले में हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के Toll Free No -1800 180 8006,0177-2633543 (10.00 AM to 5.00 PM) पर भी संपर्क कर सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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