हाल ही में हुई बारिश के बाद तापमान में काफी गिरावट देखी जा रही है. इस मौसम से हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में गेहूं की खेती में कम से कम सात से 10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान कम होगा. इसी महीने या फिर मार्च में विशेष रूप से अनाज भरने के दौरान, असामान्य तापमान वृद्धि से हालात खराब हो सकते हैं. पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन कम हो सकता है.


कृषि मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को 2023-24 सीजन के लिए सभी रबी फसलों की आखिरी बुवाई के आंकड़े जारी किए. इस वर्ष गेहूं का रकबा वर्ष 2022-23 में 339.20 लाख हेक्टेयर की तुलना में 341.57 लाख हेक्टेयर (एलएच) पर खत्म हुआ. रिपोर्ट्स के अनुसार गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 101.41 लाख प्रति घंटे की बुआई दर्ज की गई है, जो 4 फीसदी से ज्यादा है. इसके अलावा राजस्थान और महाराष्ट्र में कम कवरेज की भरपाई करने में सहायता मिली है. पंजाब व हरियाणा में रकबा पिछले वर्ष के करीब करीब बराबर है. सरकार ने इस वर्ष गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 114 मिलियन टन निर्धारित किया है.


रखें इन बातों का ध्यान


एक्सपर्ट्स की मानें तो फिलहाल हुई बारिश से किसानों को फायदा हो सकता है. हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में आने वाले दिनों में नमी का वातावरण हो सकता है. जो फसलों खासतौर पर गेहूं के लिए अच्छा साबित हो सकता है. राजस्थान के किसानों को गेहूं की अच्छी फसल की आशा है. हालांकि ज्यादा बारिश से फसल को नुकसान हो सकता है. बारिश के बाद यदि धूप न निकले तो फसल में रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है. जिसके लिए किसान भाई खेतों में जल निकासी का उचित प्रबंध करें. साथ ही किसान भाई फसल की निगरानी करें और रोगों और कीटों के प्रकोप पर ध्यान दें.


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