हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक अहम और लाभकारी योजना की घोषणा की है. राज्य सरकार ने फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसान धान की बजाय अन्य फसल की बुवाई करेंगे या खेत खाली रखेंगे तो उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की राशि दी जाएगी. यह कदम किसानों को पानी की बचत के लिए प्रोत्साहित करेगा और सिंचाई जल के संकट से निपटने में मदद करेगा.


राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को 15वीं विधानसभा के पहले सत्र को संबोधित करते हुए इस योजना की घोषणा की. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को कम पानी में उगने वाली फसलों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे जल का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा. राज्यपाल ने यह भी बताया कि नहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार, सूक्ष्म सिंचाई और 19716 तालाबों के जीर्णोद्धार जैसी योजनाएं भी जारी रहेंगी.


इसके साथ ही हरियाणा सरकार राज्य में 500 हाईटेक सीएम पैक्स केंद्र स्थापित करेगी. ये केंद्र किसानों के लिए एक वन-स्टॉप सेंटर का काम करेंगे, जहां उन्हें खाद-बीज, कीटनाशक, वित्तीय सेवाएं और प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार किसानों के सशक्तिकरण के लिए एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) और पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी) को अनाज स्टोरेज के लिए गोदाम बनाने के लिए 1 करोड़ रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन देगी.


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एमएसपी पर राशि 


राज्यपाल ने यह भी बताया कि रबी सीजन 2023-24 में प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित 49,000 किसानों को 133.75 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है. इसके अलावा, ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से 12 लाख किसानों के खातों में एमएसपी पर 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये की राशि भी डाली गई है.



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राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार नीतियों में बदलाव कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि नकली खाद, बीज और कीटनाशकों की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार कड़े कानून लाएगी और किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा प्रदान करेगी.


इस प्रकार हरियाणा सरकार किसानों के लिए समग्र विकास और कल्याण की दिशा में कई कदम उठा रही है, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगे और कृषि क्षेत्र को और अधिक प्रगतिशील बनायेंगे.



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