Agriculture Fund: खेती से जुड़े हर काम के लिए पैसा देती है सरकार, जान लें किन-किन चीजों में मदद मिल जाएगी
Farmers Schemes:आर्थिक तंगी के चलते किसानों को परेशानियां झेलनी पड़ती है. इन चिंताओं को दूर करने और हर तरह के कृषि कार्य के लिए सरकार मशीन, तकनीक, पैसा, लोन, बीमा, सब्सिडी और हर तरह की मदद देती है.
Agriculture Schemes: देश की करीब 60 फीसदी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है. भारत में हो रहे कृषि उत्पादन से देश के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग को भी पूरा किया जा रहा है. विदेश में हो रहे कृषि निर्यात से किसानों को अच्छा पैसा भी मिलता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है, खेती की लागत और नुकसान भी बढ़ रहा है. इस खर्च और नुकसान को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं. किसानों के लिए लगभग हर तरह की योजनाएं बनाई जा रही है, ताकि किसानों को दिक्कत ना हो और कृषि कार्य करते समय असुविधाओं का सामना ना करना पड़े.
इन योजनाओं के लिए किसानों को कृषि कार्यों के लिए लोन से लेकर बीमा, सब्सिडी और अनुदान तक की सुविधा दी जा रही है.इसके अलावा, बुवाई के लिए बीज की खरीद से लेकर, सिंचाई का इंतजाम, छिड़काव के लिए कीटनाशकों पर सब्सिडी, कटाई तक फसल की सुरक्षा के लिए बीमा, कटाई के बाद फसल के प्रबंधन के लिए भंडारण और ट्रांसपोर्ट आधारित सुविधाएं और उपज को बेचने के लिए ई-नाम जैसे ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल्स बनाए गए हैं. किसानों को नई तकनीकों से रूबरू करवाने और छोटे से लेकर बड़े किसान ये आधुनिक तकनीकें और मशीनें पहुंचाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है. आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में.
कौन-कौन सी हैं ये योजनाएं
कर्ज के लिए योजना
कृषि कार्यों के लिए 'किसान क्रेडिट कार्ड योजना' चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को खेती-किसानी से जुड़े कार्य करने के लिए सस्ती दरों पर लोन दिया जाता है. किसान अपनी नजदीकी बैंक या वित्तीय संस्थान में जाकर अपना किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं और निश्चिंत होकर खेती भी कर सकते हैं.
मिट्टी की जांच की योजना
अच्छे फसल उत्पादन के लिए मिट्टी की सेहत को बरकरार रखना बेहद जरूरी है, इसलिए सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना बनाई है, जिसमें आवेदन करने पर एक्सपर्ट्स खुद किसानों के खेत से मिट्टी का सैंपल उठाते हैं और मिट्टी की जांच करके सभी जरूरतों का एक ब्यौरा तैयार करते हैं, जिसे मृदा स्वास्थ्य कार्ड कहते हैं. इसकी मदद से किसान ना सिर्फ अच्छी उपज ले सकते हैं, बल्कि बड़े नुकसान से भी बच सकते हैं.
बीजों के लिए योजना
सरकार ने किसानों के लिए बीज ग्राम योजना चलाई है. इसके अलावा, बेहतर उत्पादन के लिए अलग-अलग फसलों के उन्नत बीजों की खरीद पर अनुदान या बीजों की मिनी किट उपलब्ध करवाई जाती है. राज्य भी अपने स्तर पर बीज अनुदान योजना चलाती हैं.
सिंचाई के लिए योजना
आधुनिक तकनीकों से सिंचाई करके 80% पानी बचाकर फसल उत्पादन बढ़ा सकते हैं. पानी बचाने की ये तकनीकें टपक सिंचाई और फब्बारा सिंचाई हैं, जिन्हें सरकार 'प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना' के तहत कम पैसों में ही किसानों को उपलब्ध करवाती है.
खेत में सोलर पंप के लिए योजना
हर खेत को जल के लक्ष्य से प्रधानमंत्री कुसुम योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत सरकार सोलर पंप लगाने के लिए किसानों को अनुदान देती है. डीजल या बिजली से चलने वाले सिंचाई पंप काफी खर्चीले होते हैं. वहीं सोलर पंप सूरज की ऊर्जा पर आधारित है, जिनमें कोई खर्च नहीं लगता, बल्कि सोलर पंप की खरीद को आसान बनाने के लिए सरकार 60% तक अनुदान भी देती है.
उपज की बिक्री के लिए योजना
अब किसान घर बैठे अपनी उपज को ऑनलाइन बेच सकते हैं. इसके लिए ई-नाम योजना चलाई गई है. इस ई-ट्रेडिंग पोर्टल पर किसान ऑनलाइन अपनी के वाजिब दाम निर्धारित करते हैं. इसके बाद व्यापारी भी ऑनलाइन बोली लगाकर किसान की उपज को खरीद लेते हैं. इस बीच उपज की उठावनी के लिए किसान के खेत पर भी पहुंच जाते हैं.
उपज के ट्रांसपोर्टेशन की योजना
किसान अब अपनी उपज को देश-विदेश कहीं भी बेच सकते हैं. फल, सब्जी, अनाज, दूध, अंडे और मांस के सही ट्रांसपोर्टेशन के लिए किसान रेल और किसान उड़ान की सेवाएं दी जा रही है. किसान अब ट्रकों के बजाए ट्रेन और फ्लाइट से भी अपने उत्पादों को एक से दूसरे जगह ट्रांसफर कर सकते हैं.
फल-सब्जी की खेती के लिए योजना
अगर आपको अनाज की फसल से सही उत्पादन नहीं मिलता तो राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना का लाभ लेकर फलों का बाग लगा सकते हैं. साथ में सब्जियों की खेती भी कर सकते हैं, राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को आधुनिक खेती और बागवानी की तकनीकी ट्रेनिंग और आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है, ताकि बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाया जा सके.
पशुपालन के लिए योजना
गाय, भैंस, बकरी से लेकर मुर्गी, बतख, खरगोश या कोई भी दूध, मांस, अंडे का प्रोडक्शन देने वाले पशुओं की खरीद पर सरकार आर्थिक मदद करती है. इसके लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना चलाई है.इसके अलावा पशु किसान क्रेडिट कार्ड पर भी पशु खरीदने के लिए लोन दिया जाता है.वहीं पशुधन बीमा स्कीम के तहत पशुओं का बीमा भी किया जाता है.
मछली पालन के लिए योजना
पहले मछली पालन सिर्फ नदी-समंदर तक ही सीमित था, लेकिन अब गांव-गांव में तालाब बनाकर मछली पालन किया जा रहा है. ये मछली की बढ़ती खपत से मुमिकन हुआ है. मछली पालन के लिए भी सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई है, जिसके तहत तालाब से लेकर हेचरी में मछली पालन के लिए मछली बीज, उपकरण और दाना की खरीद पर अनुदान और ट्रेनिंग दी जाती है.
इन सभी के अलावा कुछ राहत योजनाएं भी हैं, जिनमें पीएम किसान सम्मान निधि योजना, पीएम किसान मानधान योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान कर्ज माफी योजना आदि, जिनका फायदा देश का कोई भी छोटा-बड़ा किसान ले सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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