Pradhan Mantri Kusum Yojna: खेती-किसानी संबंधी कार्यों में किसानों की लागत को कम करने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें कई कृषि योजनाओं पर काम कर रही है. ताकि खेती के खर्चों का बोझ किसानों पर न पड़े और उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो. किसानों का पैसा बचाने वाली इन्हीं योजनाओं में शामिल है प्रधानमंत्री कुसुम योजना, जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों को बड़े स्तर पर आर्थिक अनुदान दे रही हैं. आइये जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से-


प्रधानमंत्री कुसुम योजना
किसानों को खेती करने के लिये पानी और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार ने साल 2019 में पीएम कुसुम योजना की शुरुआत की. इस योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिये सोलर पंप की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है, जिससे बिजली और किसानों के श्रम दोनों की बचत हो सके. इस योजना से देश के करीब 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा की मदद से सिंचाई करके बंजर जमीन में भी जान भरने में मदद मिलेगी. जानें कुछ खास बातें-



  • केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों को सौर ऊर्जा और सोलर पंप प्लांट लगाने के लिये 30-30 प्रतिशत की दर से सब्सिड़ी दी जा रही है.

  • इससे किसान को सिर्फ 40 फीसदी भुगतान करके सौर ऊर्जा पंप की यूनिट लगा सकते हैं.

  • किसान चाहें तो अपने 40  प्रतिशत खर्च को भी कम करने के लिये नाबार्ड, बैंक और दूसरी वित्तीय संस्थाओं से 30 प्रतिशत खर्च के लिये लोन ले सकते हैं.

  • सरकार और नाबार्ड की तरफ से मिलने वाले अनुदान के बाद किसान को सिर्फ 10 प्रतिशत ही पैसा भरना होगा.

  • किसान चाहें तो सोलर पैनल से बिजली बचाकर बेच भी सकते हैं, इससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी मिल जायेगी

  • खेत में एक बार सोलर पंप की खरीद से किसानों को अगले 25 साल तक लाभ मिलेगा.

  • सौलर पैनल का रख-रखाव बेहद आसान है, इससे प्रदूषण को कम करने में भी खास मदद मिलती है.



कौन करेगा आवेदन
वैसे तो प्रधानमंत्री कुसुम योजना भारत के हर छोटे-बड़े किसान के खेती में हो रहे खर्च को कम करने में मदद करती है. लेकिन भारत सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों के लिये पात्रता निर्धारित की है, जो इस प्रकार है-



  • कुसम योजना के आवेदनकर्ता किसान का भारतीय नागरिक होना बेहद जरूरी है.

  • आवेदन करने के लिये किसानों के पास सभी जरूरी दस्तावेजों को होना जरूरी है.

  • इस योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र के लिये 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट की खरीद के लिये आवेदन कर सकते हैं.

  • किसान चाहें तो अपनी जरूरत के अनुसार या फिर वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता के आधार पर आवेदन कर पायेंगे.

  • अगर आवेदनकर्ता किसान विकासकर्ता के माध्यम से सौलर पंप की बड़ी यूनिट हेतु आवेदन कर रहा है, विकासकर्ता की सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट होना अनिवार्य है.


ये हैं जरूरी दस्तावेज
अगर इस खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो कुछ दस्तावेजों का होना अनिवार्य है. किसान इन दस्तावेजों को इकट्ठा करके इस योजना के लिये आवेदन कर सकते  हैं. 



  • किसान का आधार कार्ड

  • आवेदनकर्ता किसान का राशन कार्ड

  • आवेदनकर्ता किसान का KYC होना जरूरी है

  • किसान का पासपोर्ट साइज फोटो

  • आवेदनकर्ता का बैंक में खाता अनिवार्य है क्योंकि अनुदान की रकम खाते में जमा करवाई जाती है.

  • बैंक खाते का विवरण 


इस योजना से लाभ लेने के लिये किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यलय में संपर्क कर सकते हैं. या फिर सरकारी वेबसाइट HTTPS://MNRE.GOV.IN/ पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करके आवेदन कर सकते हैं. 


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