किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें ग्राम पंचायत स्तर पर ही मौसम पूर्वानुमान का पता लग सकेगा. जिससे देशभर के 2.5 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों के निवासियों को स्थानीय मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी. ये पहल किसानों को उनकी बुवाई और कटाई के समय को बेहतर तरीके से नियोजित करने और जलवायु संबंधी जोखिमों के लिए तैयार रहने में सहायता करेगी.


ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम


इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान का यह प्रयास भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में एक बड़ा योगदान देगा. उन्होंने इस प्रणाली को ग्रामीण शासन और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में निर्णायक परिवर्तन का वाहक बताया, जिससे किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक किया जा सकेगा. यह पहल न केवल ग्रामीण नागरिकों को समय पर मौसम की जानकारी देगी, बल्कि बाढ़, सूखा और अनिश्चित मौसमी बदलावों से बचाव में भी सहायक सिद्ध होगी.



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आधुनिक तकनीक से बढ़ेगा पूर्वानुमान की सटीकता


केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मौसम पूर्वानुमान में हुए सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया. उन्होंने बताया कि एआई, मशीन लर्निंग और विस्तारित अवलोकन नेटवर्क जैसी उन्नत तकनीक इस प्रणाली को और भी अधिक सटीक बना रही हैं. IMD और पंचायती राज मंत्रालय के इस संयुक्त प्रयास से, ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा तैयारी और कृषि उत्पादन में सुधार की उम्मीद की जा रही है.


ग्रामीण विकास के लिए नई रणनीति


पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह ग्रामीण भारत को स्मार्ट, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है. उन्होंने किसानों के जीवन पर इसके सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस मौसम पूर्वानुमान जानकारी का पूरी तरह से लाभ उठाएं और इसे ग्रामीण नागरिकों तक पहुंचाएं.





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डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सुलभ होगी जानकारी





मौसम पूर्वानुमान डेटा अब मेरी पंचायत ऐप, ई-ग्राम स्वराज, और ग्राम मानचित्र जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से पंचायत स्तर पर उपलब्ध होगा. इन प्लेटफार्मों के माध्यम से पंचायतें परियोजना ट्रैकिंग, संसाधन प्रबंधन और स्थानिक नियोजन जैसे कार्यों में सुधार कर पाएंगी, जिससे ग्रामीण विकास में गति आएगी.


प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन


इस कार्यक्रम के तहत 200 से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों के लिए "ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान" पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्हें मौसम पूर्वानुमान उपकरणों की समझ और उपयोग के व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए गए. इससे उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में जलवायु अनुकूल सुधार लाने में मदद मिलेगी.


ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान प्रणाली का यह शुभारंभ ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. इससे न केवल आपदा तैयारी में सुधार होगा, बल्कि कृषि और अन्य ग्रामीण गतिविधियों में भी सकारात्मक बदलाव आएगा, जिससे ग्रामीण भारत की समृद्धि और प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा.



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