Onion Price: प्याज के बिन भारत में बनी कोई भी डिश फीकी ही होती है. प्याज खाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों में सबसे जरूरी चीज होती है. इससे किसी भी सब्जी का किसी भी पकवान का स्वाद और बढ़ जाता है. लेकिन पिछला कुछ समय प्याज के बाजार को लेकर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है.
भारत सरकार ने पिछले साल 8 दिसंबर को प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था. प्याज पर लगे बैन को अब हटा लिया गया है. अब ऐसे में लोगों को ख़दशा यही सता रहा है कि कहीं प्याज के दाम दोबारा से आसमान न छू जाएं. चलिए जानते हैं क्या वाकई बढ़ सकते हैं प्याज के दाम.
किसलिए हटाया गया बैन?
भारत में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखकर भारतीय सरकार ने पिछले साल दिसंबर के महीने में 8 तारीख को प्याज के निर्यात पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था. दिसंबर में लगाया बहन मार्च तक के लिए था. लेकिन हालात को देखते हुए इसे आगे थोड़ा और आगे बढ़ा दिया गया था. अब सरकार ने बीते कल यानी 4 मई को प्याज के निर्यात पर लगे बैन को लिफ्ट कर दिया है.
भारत में रबी की अच्छी फसल होने के चलते और अच्छे मानसून के अनुमान के चलते खरीफ में अच्छी पैदावार होगी. इस संभावना को देखते हुए सरकार ने निर्यात पर लगे बैन को हटाने का फैसला किया है. सरकार ने निर्यात के लिए न्यूनतम कीमत 550 डॉलर प्रति टन तय यानी लगभग 45,800 रुपये तय की है.
फिर बढ़ जाएंगी प्याज की कीमतें ?
प्याज पर लगे बैन के हटने के बाद आम जनता फिर इसी सोच में पड़ गई है कि कहीं दोबारा से प्याज के भावों में उछाल न आ जाए. लेकिन अभी फिलहाल इस बात की आशंका नहीं जताई जा रही है. भारत में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने इस बारे में बात करते हुए जानकारी दी है.
उन्होंने इस बारे में कहा "निर्यात होने के बावजूद प्याज की घरेलू कीमतों पर कोई खास असर नहीं होगा. अगर कीमतें बढ़ेंगी भी तो वह खास नहीं बढ़ेंगी. सरकार के विभाग भी पूरी स्थिति पर नजर बना कर रखेंगे. सरकार किसानों के साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है."
इसके साथ ही उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि रबी फसल में प्याज की पैदावार 191 लाख टन होने का अनुमान है. जो देश में खपत होने वाली मात्रा के लिए काफी है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार प्याज के बफर स्टॉक को भी बढ़ा रही है.
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