(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Fruit Cultivation: बिहार में लीची और केला ने इन जिलों में बनाया दबदबा, हल्दी-मटर के लिए इन इलाकों को मिली जिम्मेदारी
Bihar Horticulture: बिहार सरकार ने जिला आधारित कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लीची, केला, हल्दी और मटर के लिये लक्षित जिलों का चयन किया है. इन कृषि उत्पादों को अब इन जिलों के नाम से पहचान मिलेगी.
Bihar State Horticulture Product Development Scheme: पिछले कुछ सालों में बिहार एक अग्रणी बागवानी उत्पादक राज्य बनकर उभरा है. अब इस लक्ष्य से आगे बढ़कर बागवानी विकास के लिये कई तरह की सब्सिडी और प्रोत्साहन योजनायें चलाई जा रही है. इन्हीं में शामिल है राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना(Bihar State Horticulture Production Development Scheme), जो उत्तर प्रदेश के एक जिला एक उत्पाद योजना से काफी मेल खाती है.
इस योजना के तहत बिहार में अलग-अलग जिलों के लिये अलग-अलग कृषि उत्पादों का चयन किया है, जिससे इन जिलों के किसानों को खास फसलों के उत्पादन में महारथ हासिल हो जाये और देश-दुनिया में बिहार के कृषि उत्पाद (Agriculture Products) जिलों के नाम से जाने जायें. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये राज्य सरकार ने लीची, केला, हल्दी और मटर के बेहतर उत्पादन के लिये कुछ जिलों का चयन किया है.
लीची को पहचान दिलायेंगे 4 जिले
बिहार की सुगंधित लीची आज पूरी दुनिया में फेमस है, लेकिन जिला आधारित कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने की तर्ज पर बिहार की सरकार ने लीची के लिये समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और शिवहर जिलों का चयन किया है. इन जिलों की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल यहां के किसान लीची का बेहतर उत्पादन और उत्पादकता सुनिश्चित कर सकते हैं.
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— Agriculture Department, Govt. of Bihar (@Agribih) October 20, 2022
इन जिलों में होगी केला की बागवानी
बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत जिला आधारित कृषि उत्पादों की सूची में केला भी शामिल है. केला की अच्छी क्वालिटी के बेहतर उत्पादन के लिये कटिहार और खगड़िया को चुना गया है. अब यहां के किसानों को केला के उत्पादन से रोजगार मिल पायेगा और अच्छी आमदनी लेकर किसान आत्मनिर्भर बन पायेंगे.
भोजपुर में लहलहायेगी मटर
जिला आधारित कृषि उत्पादों में मटर की खेती के लिये भोजपुर का चयन किया गया है. जाहिर है कि मटर एक ऐसी बागवानी फसल है, जिसका उत्पादन सिर्फ सर्द-ठंड जलवायु में होता है, लेकिन इसकी डिमांड सालभर बनी रहती है. ऐसे में भोजपुर के किसानों को मिट्टी के अनुसार और मौसम अनुकूल मटर की खेती करके मटर का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
पश्चिमी चंपारण बनेगा हल्दी का गढ़
बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत लक्षित उद्यानिक फसल एवं जिला के लिये पश्चिमी चंपारण को हल्दी के लिये चुना गया है. वैसे तो हल्दी एक मसाला फसल है, लेकिन इसकी औषधीय खेती से भी कई किसानों को रोजगार मिला है. इस बीच पश्चिमी चंपारण के किसानों भी हल्दी की खेती करने और इसका बेहतर उत्पादन लेने के लिये प्रेरित किया जायेगा.
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— Agriculture Department, Govt. of Bihar (@Agribih) October 14, 2022
टमाटर, अदरक, मिर्च, लहसुन और आम
बता दें कि कुछ दिन पहले ही बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत बिहार सरकार ने टमाटर, अदरक, मिर्च, लहसुन और आम के लिये भी लक्षित जिलों की जानकारी साझा की थी. इस सूची में हरी मिर्च के लिए अररिया और समस्तीपुर, अदरक के लिए पूर्वी चंपारण, टमाटर के लिए रोहतास और भागलपुर, दरभंगा, पटना, सहरसा जिलों को आम का उत्पादन बढ़ाने का जिम्मा सौंपा है.
बढ़ेगा ग्रामीण रोजगार
बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद योजना के तहत बिहार सरकार का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा करना और पलायन रोकना है. इसके लिये राज्य सरकार अब कृषि और बागवानी से लेकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट (Food Processing Unit) तक लगाने के लिये आर्थिक सहायता मुहैया करवा रही है.
जिला आधारित कृषि उत्पादों का चयन करना खेती के लिहाज से ही नहीं, बल्कि कृषि प्रसंस्करण के लिहाज से भी फायदेमंद होगा. इस योजना के जरिये किसानों को लक्षित फसल की खेती के साथ-साथ उसका प्रसंस्करण और मार्केटिंग करके अच्छे दाम दिलवाये जा सकते हैं. इससे किसान आरत्मनिर्भर, गांव में रोजगार और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ आय को दोगुना करने में भी मदद मिलेगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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