Solar Energy State: सौर ऊर्जा के उत्पादन में नंबर-1 पर है ये राज्य... किसानों की भी बढ़ी इनकम, इन योजनाओं से हुआ कमाल
Solar Energy: भारत में रिकॉर्ड लेवल पर सौर ऊर्जा उत्पादन करने के लिए राजस्थान नंबर-1 सोलर हब के तौर पर विकसित हो रहा है. इस काम में सोलर एनर्जी पॉलिसी 2019 और पीएम कुसुम योजना का भी मेन रोल है.
PM Kusum Yojana: बिजली पर निर्भरता कम करने के लिए अब केंद्र और राज्य सरकारें सौर ऊर्जा उत्पादन पर फोकस कर रही है. इस क्षेत्र में राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक के बेहतर प्रदर्शन के बाद अब उत्तर प्रदेश भी सोलर हब के रूप मे उभरने के लिए तैयार है. सौर ऊर्जा उत्पादन को लेकर राजस्थान से काफी अच्छे रुझान सामने आ रहे हैं. किसान हितैषी नीतियों के चलते अब राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में नंबर स्टेट बन गया है. राजस्थान सरकार ने आकंड़े जारी करके बताया कि 16060 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन क्षमता के साथ राजस्थान पहले नंबर है.
गुजरात और राजस्थान को पीछे छोड़कर, ये उपलब्ध हासिल करने में सोलर एनर्जी पॉलिसी 2019, पीएम कुसुम योजना और अब सौर कृषि आजीविका योजना अहम रोल निभा रहे हैं. इन योजनाओं से ना सिर्फ खेती की लागत कम हो रही है, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आमदनी कमाने में भी काफी मदद मिल रही है. अब साल 2024-25 के लिए राजस्थान सरकार ने 30 गीगावाट सोलर एनर्जी कैपिसिटी डवलप करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं 2030 तक केंद्र सरकार ने 500 गीगावाट सोलर एनर्जी का टारगेट निर्धारित किया है.
राजस्थान में मौजूद है दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क
राजस्थान में सौर ऊर्जा उत्पादन की उपलब्धियों को गिनाते हुए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि आज देशभर में राजस्थान एक मॉडल स्टेट बनकर उभर रहा है. राज्य में 16,060 मेगावाट सौर ऊर्जा के साथ, 4,576 मेगावाट पवन ऊर्जा, 125 मेगावाट बायोमास ऊर्जा और 24 मेगावाट हाइड्रो एनर्जी का उत्पादन मिल रहा है.
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि दुनिया का सबसे बड़ा 2,245 मेगावाट कैपिसिटी का सोलर पार्क भी जोधपुर के भड़ला में मौजूद है. इसके अलावा जैसलमेर के नोख में 925 मेगावॉट कैपिसिटी का पार्क और फलोदी-पोकरण में 750 मेगावाट कैपिसिटी का पार्क विकसित किया गया है. यहां सीधा सूरज की रौशनी मिलने से बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन करने में खास मदद मिल रही है.
इन योजनाओं से हुआ कमाल
वैसे तो राजस्थान सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2019 और अब नई सौर कृषि आजीविका योजना की मदद से सौर ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान आगे बढ़ रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री कुसुम योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ उठाने में भी राजस्थान बाकी राज्यों से आगे है. पीएम कुसुम योजना के तहत देश का पहला सौर ऊर्जा प्लांट राजस्थान में लगा है.
जयपुर के कोटपुटली तहसील के करीब एक भालोजी गांव की 3.50 एकड़ जमीन पर बना ये 1 मेगावाट कैपिसिटी का प्लांच 3.70 करोड़ की लागत से स्थापित किया गया है. पीएम कुसुम योजना के तहत राजस्थान में करीब 45 सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए गए है, जो 60.5 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन कर रहे हैं. यह सभी प्रोजेक्ट पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट-ए योजना के तहत स्थापित किए गए हैं.
कर्नाटक और गुजरात अब भी पीछे
हैरानी की बात यह भी है कि कर्नाटक और गुजरात में भी सोलर एनर्जी को प्रमोट किया जा रहा है, लेकिन राजस्थान ने अपनी उपलब्धियों ने इन राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है. केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी के आंकड़ों की मानें तो 16 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा क्षमता के साथ राजस्थान नंबर-1 पर, कर्नाटक नंबर-2 और गुजरात तीसरे नंबर पर है. सूरज की रौशनी से उत्पादित बिजली का अकेला 20 फीसदी हिस्सा राजस्थान से आता है.
अब कमर्शियल स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पादन के अलावा राजस्थान में कृषि में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सौर कृषि आजीविका योजना भी चलाई जा रही है. इधर केंद्र सरकार ने भी घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के रुफटॉप सोलर प्रोग्राम के तहत यूनिफाईड वेब पोर्टल भी बनाया है, जहां आवेदन करके कोई भी अपनी छत पर सस्ती दरों पर सोलर पैनल लगवा सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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