Crop Procurement: एक नवंबर से रबी की फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी ये सरकार, प्लान तैयार
राजस्थान सरकार ने रबी की फसलों को एमएसपी पर खरीदने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. एक नवंबर से स्टेट में रबी फसल खरीद शुरू होगी. स्टेट गवर्नमेंट ने किसानों से एमएसपी पर धान बेचने के लिए कहा है.
Crop Management: खरीफ फसलें कटकर मंडियों में जा रही हैं. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य स्टेट में खरीफ फसलों की खरीद शुरू हो चुकी है. किसान भी धान समेत अन्य फसलों को लेकर मंडी जा रहे हैं. अब राजस्थान गवर्नमेंट ने 1 नवंबर से खरीफ फसल खरीद करने की घोषणा की है. किसान निश्चित समय पर जाकर मंडियों में एमएसपी पर अपनी फसल बेच सकते हैं.
1 नवंबर से खरीदे जांएगे मूंग, उडद और सोयाबीन
स्टेट गवर्नमेंट ने किसानों से अपील की है कि फसल को एमएसपी पर ही बेंचे. इससे उन्हें उचित दाम मिल सकेंगे. राजफैड एमएसपी पर मूंग, उडद, सोयाबीन और मूंगफली की खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्टेशन 27 अक्टूबर से शुरू कर देगा. 1 नवंबर से मूंग उडद सोयाबीन की खरीद होगी, वहीं 18 नवंबर सेे मूंगपफली की खरीद की जाएगी. इसके लिए सरकार ने 879 खरीद केंद्र बनाए हैं.
दूसरी तहसील में न करा दें ऑनलाइन पंजीकरण
पारदर्शिता लाने के लिए हर स्टेट की सरकार ऑनलाइन पंजीकरण पर जोर दे रही है. राजस्थान गवर्नमेंट ने भी किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए कहा है. पंजीकरण ई मित्र और खरीद केंद्र पर सुबह 9 से शाम 7 बजे तक करा सकते हैं. 27 अक्टूबर से ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी. जिसके नाम गिरदावरी होगी, उसी के नाम से जन आधार कार्ड होना चाहिए. तभी उसका पंजीकरण होगा. जिस तहसील में एग्रीकल्चर भूमि है. उसी तहसील के कार्य क्षेत्र वाले खरीद केंद्र पर अपनी फसल बेचने के लिए पंजीकरण कराएं. दूसरी तहसील पर यह मान्य नहीं होगा.
इतनी होगी एमएसपी
मूंग- 3 लाख 2 हजार 745 मीट्रिक टन
उडद- 62 हजार 508 मीट्रिक टन
मूंगफली- 4 लाख 65 हजार 565 मीट्रिक टन
सोयाबीन- 3 लाख 61 हजार 790 मीट्रिक टन
गवर्नमेंट द्वारा एफएक्यू कैटेगरी पर निर्धारित एमएसपी पर खरीद की जाएगी
इतनी होगी खरीद
राजस्थान में एमएसपी पर मूंग की खरीद 3 लाख 2 हजार 745 मीटिक टन, उडद की 62508 मीटिक टन, मूंगफली का 4 लाख 65 हजार 565 मीटिक टन और सोयाबीन का 3 लाख 61 हजार 790 मीटिक टन खरीद का लक्ष्य तय किया गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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