प्राकृतिक खेती को लेकर कृषि मंत्री ने किसानों से कह दी ये बड़ी बात, हर किसान के लिए जानना जरूरी
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज किसानों से प्राकृतिक खेती पर जोर देने की अपील की. उन्होंने कहा कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती अनुसंधान के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी.
देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान भाइयों से प्राकृतिक खेती पर जोर देने के लिए कहा है. मंत्री ने कहा है कि सरकार किसानों को शुरुआती दो वर्षों के लिए सब्सिडी भी देगी. प्राकृतिक खेती से स्वस्थ उत्पादन और उच्च आय होगी. कृषि मंत्री चौहान का ये भी कहना है कि कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती पर अनुसंधान के लिए प्रयोगशाला स्थापित की जाएंगी. आज कृषि मंत्री ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम में शिरकत की.
"प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम" को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सरकार शुरुआती दो सालों के लिए सब्सिडी देगी. उन्होंने कहा कि हम पूरी कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में किसान रसायन मुक्त खेती की तरफ बढ़ें ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहे.
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से कहा कि खेत के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती करें. शुरुआती दो सालों में जब वे प्राकृतिक खेती करेंगे तो पैदावार कम होगी इसके लिए सरकार उन्हें सब्सिडी देगी. प्राकृतिक खेती से उगाए हुए अनाजों, फलों और सब्जियों की बिक्री से किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिलेंगे.
जरूर करें प्राकृतिक खेती
इस दौरान केंद्र सरकार में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कम से कम एक करोड़ किसानों के बीच जाकर उन्हें प्राकृतिक खेती की विशेषताओं के बारे में बताएंगे. कृषि मंत्री ने कहा हम कोशिश करेंगे कि उनमें से 18 लाख किसान ऐसे निकलें, जो प्राकृतिक खेती करने का संकल्प लें. मंत्री ने कहा यदि आपके पास 5 एकड़ खेत है तो एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करें. वहीं, आपके पास दो एकड़ खेत है तो आधे एकड़ में करें, बाकी में आपको जो करना है, करते रहें.
स्थापित की जाएंगी प्रयोगशालाएं
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अध्ययन के लिए कृषि विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी. जहां वैज्ञानिक मिट्टी के स्वास्थ्य, जैव उर्वरकों और जैव कीटनाशकों के प्रभाव का अध्ययन करेंगे.