(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bio Bitumen Use: क्या है बायो बिटुमेन टेक्निक, जिसमें पराली की मदद से हाइवे तक बना देगी सरकार
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एलान के बाद बायो बिटुमेन टेक्निक सुर्खियों में है. केंद्र सरकार पराली से बायो बिटुमेन बनाएगी. इससे नेशनल हाइवे और सड़कों का निर्माण किया जा सकेगा.
Stubble Management: देश के एनवायरमेंट के लिए पराली बड़े संकट के रूप में देखी जा रही है. केंद्र और राज्य सरकारें पराली निस्तारण को कदम उठा रही हैं. पराली के खात्मे के लिए राज्यों में हार्वेस्टर मशीन दी गई है. अन्य मशीनों से भी पराली को निपटाया जा रहा है. वहीं, पराली के संकट को बड़े स्तर पर खत्म करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कवायद शुरू की है. यदि सबकुछ सही रहा तो पराली का प्रयोग देश के नेशनल हाइवे और सड़कों के निर्माण में किया जाएगा. इसको लेकर केंद्र सरकार शीर्ष स्तर पर खाका तैयार कर रही है.
पराली से बनाया जाएगा बायो बिटुमेन
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि अगले तीन महीनों में एक नई तकनीक देश में लाई जाएगी. इसमें ट्रैक्टर में मशीन लगाकर खेत में पराली का इस्तेमाल बायो-बिटुमन बनाने में किया जाएगा. इस बायो बिटुमेन का इस्तेमाल देश की सड़क बनाने में होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक नई तकनीक की रूपरेखा पेश की है. इसे अगले दो से तीन महीने में जारी कर दिया जाएगा.
क्या होता है बायो बिटुमेन
बायो बिटुमेन को कोलतार कहा जाता है. यह सड़कों पर डाला जाने वाला काले रंग का द्रव होता है. सड़क पर बजरी व अन्य पत्थरों को चिपकाकर रोड को आकार देने का काम करता है. अभी तक पराली का इस्तेमाल बिटुमेन बनाने में नहीं किया जाता है. बायो बिटुमेन ऐसे पदार्थाें से मिलाकर बनाया जाता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम हो. इससे ग्रीन हाउस इफेक्ट समेत अन्य प्रभाव पर्यावरण पर नहीं देखने को मिलते हैं. केंद्र सरकार पराली से जो बायो बिटुमेन बनाएगी. उसमें भी कार्बन उत्सर्जन का ध्यान रखा जाएगा.
EU हर साल बनाता है 15 मिलियन टन बायो बिटुमेन
बायो बिटुमेन के उत्पादन में यूरोपीय यूनियन का बड़ाा योगदान है. यूरोपीय संघ हर साल लगभग 15 मिलियन टन कोलतार का उत्पादन करता है. इसमें से अधिकांश को डामर बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. यही चिपचिपा बिटुमेन सभी को एक साथ जोड़कर रखता है. 90 प्रतिशत सड़कों में डामर का प्रयोग किया जाता है. यूएसए, नीदरलैंड, अपफ्रीकी देश, भारत समेेत अन्य देशों में भी बायोबिटुमेन का इस्तेमाल होता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.