Stubble Burning: धान की फसल कटकर मंडी पहुंच चुकी है. काफी संख्या में किसान भी धान को मंडी लेकर जा रहे हैं. मंडियों में धान की बंपर खरीद हो रही है. हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश में धान खरीद जोरों पर है. धान का कटा हुआ भाग शेष भाग पराली के रूप में खेतों में पड़ा हुआ है. बारिश बंद होने के बाद किसान अब खेतों में जाने लगा है. ऐसे में सभी राज्यों की सरकारों को चिंता सताने लगी है कि किसान खेत पर जाकर पराली को जलाने ना शुरू कर दें. यदि अधिक संख्या में पराली जलाई गई तो दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में स्मॉग दम घोंट सकता है. इसी से बचाव के लिए हरियाणा सरकार ने अपने 22 जिलों को रेड, येलो व ग्रीन जोन में रखा है.


हरियाणा में जिलों की संख्या 22 है. पानीपत के 190 गांवों में धान की खेती होती है. जिनमें 11 गांव रेड जोन तो 42 गांव येलो व शेष ग्रीन जोन में है. फतेहाबाद जिले के 260 में से 162 गांवों में पराली जलाई जाती है. इनमें से 93 गांव पराली जलाने के मामले में रेड जोन में हैं. जबकि 69 गांव येलो जोन में है. इन गांवों में विशेष निगरानी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं. इनमें ग्राम सचिव, पटवारी, एडीओ, नंबरदार शामिल हैं. फतेहाबाद के 280 गांवों में से 76 गांव रेड जोन में हैं, जबकि 100 गांव येलो जोन में हैं.


हॉट स्पॉट बनाकर रखी जाएगी नजर
हरियाणा के गांवों में हॉट स्पॉट बनाए गए हैं. इन्हें नेट कनेक्ट कर पराली जलाने वालों पर नजर रखी जा रही है. यदि कोई किसान खेत में पराली जलाता है तो सरकार के पास इसकी अपडेट पहुंच जाएगी. इसी के आधार पर किसान के खिलाफ जुर्माना और एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. लास्ट ईयर कोरोना के चलते सख्ती नहीं बरती गई थी. इसी का लाभ उठाकर किसानों ने खेतों पर जाकर पराली फूंक दी थी. इस बार डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन सख्ती बरतने के मूड में  है. सभी लोअर लेवल के अफसरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.


MSP पर खरीद की तैयारी
हरियाणा सरकार एमएसपी पर 14 फसलों की खरीद करती है. इसमें धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, सूरजमुखी और मूंग आदि शामिल हैं.  हरियाणा सरकार (Haryana Government) पराली के लिए परमानेंट समाधान खोजने के लिए एमएसपी पर धान की पराली खरीदने की योजना बना रही है. पंजाब में अब तक 767 पराली जलाने के सामने आए हैं. जबकि 2020 में इन मामलों की संख्या 2957 थी. और 2021 में यह केस 828 रहे. इसी तरह हरियाणा में इस साल 83 केस मिले हैं. वर्ष 2021 में यह 247 और 2020 में 411 रहे.


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