Hail Damages Crop In MP: किसानों की फसलों पर संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले साल बाढ़, बारिश और सूखा ने किसानों की पफसलों को नुकसान पहुंचाया था. सूखा के कारण बिहार, छत्तीसगढ़ में किसानों की फसलें ही सूख गई थीं. इनके आस पड़ोस के राज्यों में बाढ़ ने कहर बरपाया. वहीं खरीफ सीजन के आखिर में तेज बारिश ने धान समेत अन्य फसलों को बर्बाद कर दिया. पिछले कुछ दिनों से किसानों को पाला परेशान कर रहा है. मौसम में कुछ नरमी हुई है तो इस बार बारिश और उसके साथ पड़े ओले ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसान मुश्किल से ही अपनी फसलों का बचाव कर पा रहे हैं. वहीं, किसान मेड़ों को खोलकर बारिश से हुए जलभराव को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. ओले से कैसे बचा जाए? इसके बारे में कृषि विशेषज्ञों से जानकारी ले रहे हैं.
मध्य प्रदेश में ओले से फसलों को नुकसान
मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के साथ ओले पड़ना रिपोर्ट किया गया है. छतरपुर में बारिश से गेहूं की फसल खराब हो गई है. किसानों का कहना है कि ओले से फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. इस क्षेत्र में किसानों ने सरसों, चना, दालों की बुवाई की है. अब ओले पड़ने के कारण इन फसलों को नुकसान पहुंचा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बारिश और ओले से हुए नुकसान को लेकर छतरपुर जिला प्रशासन ने भी जानकारी दी है.
इन क्षेत्रों में चना, गेहूं को भी नुकसान
बुदेलखंड के छतरपुर जिले में बिजावर, बड़ा मल्हरा समेत अन्य क्षेत्रों में पिछले तीन दिनों में ओले पड़ना दर्ज किया गया है. इससे चना, गेहूं समेत रबी की अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. किसानों का कहना है कि जब तक खेती का सही ढंग से आंकलन नहीं किया जा सकता है. तबतक यह नहीं बताया जा सकता है कि कितना नुकसान हुआ है.
प्रशासन कर रहा फसल नुकसान का आंकलन
छतरपुर समेत अन्य आसपड़ोस के जिलों में ओला इतना अधिक पड़ा है कि खेत में मोटे ओले की चादर सी बिछ गई है. किसानों को फसली नुकसान की आर्थिक मदद मिल सके. इसको लेकर छतरपुर जिला प्रशासन के स्तर से फसल नुकसान का सर्वे शुरू करा दिया गया है. छतरपुर जिलाधिकारी ने बताया कि फसल नुकसान का सही आंकलन करने के लिए कृषि विभाग की टीम भेज दी हैं. टीमें नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट देंगी. उसी के आधार पर किसानों का मुआवजा दिया जाएगा.
किसान कर रहे मुआवजे की मांग
स्थानीय किसानों का कहना है कि कम बारिश गेहूं के लिए वरदान साबित होती है. जिस तरह की ठंड है. वह भी गेहूं के लिए अनुकूल है. लेकिन पिछले 3 दिन पड़ी तेज बारिश और साथ में बरसे ओलों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसान पहले ही फसलों के नुकसान से कराह रहा है. ऐसे में प्रशासन को कृषि नुकसान का आंकलन कर किसानों को मुआवजा देना चाहिए. इससे किसानों को राहत मिलेगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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