Oil Seeds Farming: आम के आम गुठलियों के दाम....काफी महंगा बिकता है इन 4 फसलों का तेल
Oil Seeds Cultivation:भारत के किसान तिलहनी फसलों का सही प्रयोग करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं. सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली तिलहनी फसलों में मूंगफली, सरसों, तिल और अलसी शामिल है.
Oil Seeds in India: भारत में तिलहनी फसलों (Oil Seeds Crop) का बड़ा बाजार मौजूद है. यहां खाद्य तेल की खपत तो ज्यादा है ही, साथ ही उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग को पूरा करने के लिए भारत से ज्यादातर खाद्य तेलों का निर्यात (Export of Edible Oil) भी किया जाता है. बता दें कि तिलहनी फसलों का कोई भी हिस्सा कचरे में नहीं जाता.
जहां इसके बीजों से तेल निकाला जाता है तो वहीं तेल निकलने के बाद बाकी बचे कचरे को पशुओं (Oil Cakes for Animal Nutrition) के लिए काफी फायदेमंद मानते हैं, जिस तेल की खली कहते हैं. वहीं तिलहनी फसलों की पत्तियां और तने भी पशुओं के लिए हरे चारे (Oil Seed Crop Green Fodder) के रूप में काम आ जाती है. यही कारण है कि भारत के किसान तिलहनी फसलों का सही प्रयोग करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं. भारत में सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली तिलहनी फसलों (Top Oil Seeds in India) में मूंगफली, सरसों, तिल और अलसी शामिल है.
तिल की खेती
तिल को एक लक्जरी ऑइल यानी महंगा तेल भी कहा जाता है, जो पोषक तत्वों की खान होता है, लेकिन देश-विदेश में काफी महंगा बिकता है. इसकी खेती मॉनसून के दौरान खरीफ सीजन में की जाती है. भारत इसका बड़ा उत्पादक देश है, जहां तिल की खेती (Sesame Cultivation in India) के साथ-साथ मधुमक्खी पालन, तेल का प्रसंस्करण करके कई ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं. इतना ही नहीं. इसका इस्तेमाल इत्र और दवा बनाने में भी किया जाता है, इसलिए इसकी कीमतें आसमान पर होती है.
अलसी की खेती
अलसी की गिनती भी भारत की प्रमुख तिलहनी फसलों में की जाती है. बता दें कि असली का इस्तेमाल पेंट, वार्निश, प्रिंटिंग स्याही और खाद्य तेल के रूप में किया जात है. ज्यादातर लोग अलसी का सेवन बीज के रूप में भी करते हैं. वैसे तो इसकी खेती कई देशों में की जा रही है, लेकिन भारत में इसकी खेती जैविक विधि (Organic Farming of Flaxseeds) से होती है, जिसके कारण ज्यादातर देशों में भारत से ही असली का निर्यात किया जाता हैं.
मूंगफली की खेती
बाजार में मूंगफली की डिमांड सूखा मेवा, तेल और तेल की खली के लिए होती है. यह एक प्रमुख तिलहनी फसल तो है ही साथ ही नकदी फसल भी है, जिसकी खेती गुजरात, राजस्थान औप दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में की जाती है. मूंगफली की बुवाई खरीफ सीजन (Groundnut Cultivation in Kharif Season) में की जाती है, क्योंकि मानसून में इसकी फसल का तेजी से विकास होता है, हालांकि कुछ इलाकों में इसकी खेती रबी सीजन में भी की जाती है.
सरसों की खेती
भारत में मूंगफली के बाद सरसों का नाम भी प्रमुख तिलहनी फसलों (Oil Seeds Crop) में शामिल है. ज्यादातर घरों में इसका इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसकी खेती भी बड़े पैमाने पर होती है. बता दें कि सरसों की खेती रबी सीजन (Mustard farming in Rabi Season) में की जाती है.
कई किसान सरसों की खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन (Honey farming with Mustard) भी करते हैं, जिससे अतिरिक्त आमदनी का इंतजाम हो जाता है. किसान चाहें तो सरसों की खेती (Mustard Cultivation) के साथ-साथ तेल प्रोसेसिंग (Oil Processing Unit) यूनिट लगाकर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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