Urban Farming: घर पर बोनसाई उगायें लाखों कमायें, जानें बौना पेड़ उगाने के फायदे और पूरी Process
Dwarf Tree Plantation:घर पर बोनसाई रखने से वातावरण ठंडा रहता है. साथ ही बौना पेड़ प्रदूषण के दुष्प्रभावों को भी कम करता है.
Bonsai Making for Home Gardening: शहरी लोग अपने बेहतर स्वास्थ्य और प्रदूषण को ध्यान में रखकर घर पर ही पेड़-पौधे उगा रहे हैं. इनमें से कुछ लोग बागवानी के जरिये फूल, फल, सब्जी और सजावटी पौधे उगाकर दैनिक जरूरतें पूरी कर रहे हैं. इस बीच कुछ घर के लिये सजावटी पौधों की बागवानी के जरिये लाखों की आमदनी भी ले रहे हैं. लाखों की कमाई देने वाला ऐसा ही एक सजावटी पौधा है बोनसाई. जिसकी पैदाइश तो जापान और चीन से है, लेकिन भारत में इसकी ग्राफ्टिंग और गार्डनिंग का क्रेज दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. घर पर बोनसाई रखने से वातावरण को ठंडा रहता ही है. साथ ही प्रदूषण का भी इसस पर कोई असर नहीं होता.
क्या है बोनसाई
जानकारी के लिये बता दें कि बोनसाई पेड़ का बेहद छोटा रूप होता है, जिसको एक खास विधि के जरिये ग्राफ्टिंग और देखभाल करके बौना रूप दिया जाता है. हालांकि पेड़ को बौना रूप लेने में कई साल लग जाते हैं, लेकिन सही ट्रेनिंग के जरिये बोनसाई की बागवानी करने पर अच्छी आमदनी हो सकती है. वैसे तो दुनिभर में मशहूर बोनसाई पौधों की नर्सरी में आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन इसकी व्यावसायिक फार्मिंग करके अच्छ लाभ कमा सकते हैं.
कैसे बनायें बोनसाई
बोनसाई को तरह के गमलों में ही उगाया जाता है. इसकी ग्राफ्टिंग और देखभाल इस तरीके से की जाती है, जिससे कि ये प्राकृतिक रूप से बौना पेड़ लगे. इसके लिये समय-समय पर इसकी कटाई-छंटाई, पोषण प्रबंधन और सिंचाई करना भी जरूरी है. बेहतर क्वालिटी के बोनसाई बनाने के लिये किसी भी बागवानी पेड़ का बीज इस्तेमाल करके उसका पौधा उगाना चाहिये. आमतौर पर बोनसाई के लिये अनार, आम, बरगद, चीड़, गूलड़, पीपल, संतरा, नींबू और बोगनवेलिया के पौधे बेहतर माने जाते हैं.
- सबसे पहले एक गमला लें और उसमें पानी की निकासी और जड़ों को हवा देने के लिये छोटे-छोटे छेद बनायें.
- इन छेदों के ऊपर महीन जाली लगायें, जिससे गमले की मिट्टी बाहर न निकले और कीड़े जड़ों में न घुंस पायें.
- मिट्टी को उपजाऊ और मजबूत बनाने के लिये इसमें नारियल का चूरा और गोबर की खाय या कंपोस्ट की खाद डालें.
- बोनसाई बनाने के लिये पौधे को मिट्टी समेत गमले से बाहर निकालें और एक तिहाई मिट्टी जड़ों में ही रहने दें.
- अब तने के नीचे से जड़ों को काट लें और गमले में मिट्टी फैलाकर हल्के हाथ से दबा दें.
- गमले को सजावटी रूप देने के लिये जड़ों की रोपाई के बाद मिट्टी के ऊपर बजरी और कंकर फैला दें
- इन जड़ों से सालभर तक पौधा उगने दें और इसकी समय-समय पर देखरेख करते रहें.
- दूसरे साल में इस पौधे की कटाई-छंटाई शुरु करके बीमार और सूखी टहनियां निकाल दें.
- बारिश के समय 2-3 बार बोनसाई की ग्राफ्टिंग करें और कलियां फूटने वाले स्थान की छंटाई कर लें.
- इस दौरान जड़ों को गमले से चिपककर फैलने दें.
- बोनसाई से स्वस्थ पेड़ बनाने के लिये जड़ों को भी कैंची की मदद से काटते रहें.
- दो-तीन साल तक बोनसाई को सहारा देने की जरूरत होती है, बाद में ये मजबूत रूप ले लेता है.
- डिजाइनर बोनसाई बनाने के लिये पौधों की टहनियों को अपने हिसाब से तांबे या एल्युमिनियम की तार से बांधकर सेट कर दें.
- बोनसाई के पेड़ की शाखाओं के मजबूत होने पर इन तारों को निकालकर अलग कर दें.
- पेड़ को बौना रूप देने के लिये पोषण यानी खाद-उर्वरक देना बंद कर दें और इसकी कटाई-छंटाई करते रहें.
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