गमले में अनार कैसे उगाया जा सकता है, यह सवाल सभी के जहन में होगा, लेकिन अब हम आपको बताएंगें कि गमले में किस प्रकार से अचार को उगाया जा सकता है. लाल मोती के समान सुंदर दिखने वाले दानों वाला फल, अनार किसे हर किसी को पसंद है. ये न केवल स्वादिष्ट ही होता है, बल्कि बहुत ज्यादा पौष्टिक भी है. यह एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और विटामिन का खज़ाना भी होता है. लोग अनार उगाना काफी मुश्किल काम समझते हैं. क्योंकि यह चमकदार पत्तियों और लाल ट्यूब के आकार के फूलों वाला ये फलदार पेड़ ज्यादातर गर्म जगहों में ज्यादा फलता-फूलता है.
बेंगलुरु के में रहने वाले एक गार्डनर मानें तो अनार के पेड़ भारतीय जलवायु में आसानी से उगाए जा सकते हैं. इसी के साथ, इसमें दूसरे फल देने वाले पेड़ों की तरह बहुत ज़्यादा देखभाल करने की भी आवश्यकता नहीं होती है. क्योंकि अनार झाड़ी वाला पेड़ होता है, जो छोटी जगह में भी आसानी से उगाया जा सकता है. इसके लिए पर्याप्त धूप बहुत जरूरी है. लिज़ी गार्डनर नौ सालों से अपने टेरेस गार्डन में 100 प्रकार के फल व सब्जियां उगा रही हैं. उनका मानना है कि आठ स्टेप्स को अगर ध्यान में रखा जाए, तो गमले में अनार का पौधा उगाना बहुत ही आसान होगा.
नर्सरी से एक स्वस्थ पौधा लें, क्योंकि बीज से उगाने से अच्छा होगा कि इसे सैपलिंग के ज़रिए उगाया जाए. इसे पहली बार लगा रहे हैं, तो नर्सरी से एक स्वस्थ सैपलिंग यानि पौधा ही लेकर आएं. अनार एक फलदार पौधा है, जिसकी जड़ें काफ़ी बड़ी होती हैं, इसलिए किसी बड़े गमले या ड्रम में ही लगाएं.
फलों के पेड़ लगाने के लिए एक बड़ी प्लास्टिक की बाल्टी या ड्रम का इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं. इसके अलावा, पानी निकलता रहे, इसके लिए बर्तन या ड्रम के नीचे कुछ छेद कर दें, जिससे पानी मिट्टी में जमा न रहे. सही पॉटिंग मिक्स चुनना है बेहद ज़रूरी. उनका कहना है कि वह किसी भी फल को उगाने के लिए एक बाल्टी मिट्टी में एक मुट्ठी चूना मिलाती हैं. फिर उसमें आधा बाल्टी कोकोपीट, वर्मीकम्पोस्ट और गोबर मिलाकर पौधे लगाए जाते हैं.
सबसे पहले आप सूखे पत्तों को गमले की नीचे की परत पर अच्छे से लगाएं और फिर मिट्टी के मिश्रण की एक परत उन पर डालें. तैयार गमले को कम से कम एक सप्ताह तक रखा रहने दें. इसके बाद पौधा लगाएं. पौधा रोपने के बाद उसे दिन में एक बार पानी दें. महीने में एक या दो बार घर की खाद या गाय के गोबर जैसी जैविक खाद भी डालें.
इन बातों का ध्यान
पौधे को कीट से बचाने के लिए 5 मिलीलीटर नीम के तेल को एक लीटर पानी में मिलाएं और कुछ साबुन या डिटर्जेंट मिलाएं. फिर इसे पौधे पर स्प्रे करें.
कटिंग और प्रूनिंग का रखें पूरा ध्यान
गमले या ड्रम में फलों के पेड़ को एक छोटी सी जगह में रखते समय, यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह ज़्यादा लम्बा-चौड़ा पौधा न बन जाए. इसलिए 2-3 फुट तक बढ़ने पर इसकी छंटाई करें. यह अच्छी तरह बढ़ने में मदद करता है. यहां पर यह भी बताया जा रहा है कि आमतौर पर बेंगलुरु के मौसम में अनार के पौधे पांच से छह महीने के अंदर फल देने लगते हैं. एक स्वस्थ और फल देने वाले पेड़ को उगाने के बाद आप एयर लेयरिंग या कटिंग जैसे प्रॉसेस के ज़रिए कई नए पौधे आसानी से तैयार कर सकते हैं.
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