Blueberry Farming in Home Garden: शहरों में ब्लूबेरी (Blueberry Cultivation) जैसे छोटे फलों का क्रेज बढ़ता जा रहा है. केक से लेकर शेक, जैम या पैनकेक, ब्लूबेरी का इस्तेमाल इन खास रेसिपी बनाने में करते ही है. भारत के बड़े-बड़े शहरों में शायद ब्लूबेरी मिल जाये, लेकिन दाम इतने ज्यादा होते हैं कि मिडिल क्लास लोग अपने शौक पूरे नहीं कर पाते. ऐसे में घर की छत या बगीचे में बेहद कम लागत में किलो-दो किलो ब्लूबेरी आसानी से उगा सकते हैं.


बता दें कि ब्लूबेरी उगाने के लिये (Blueberry Farming at Home)ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती. बस खुला गार्डन और सूखी मिट्टी में खाद-पानी के सही इंतजाम के साथ ब्लूबेरी की झाड़ी लगा सकते हैं. अगर गार्डन नहीं है तो कंटेनर में भी ब्लूबेरी के बीज या झाड़ी लगाकर ब्लूबेरी उगा सकते हैं, इससे बगीचे का आकर्षण भी बढ़ जाता है.



ब्लूबेरी की गार्डनिंग (Growing Blueberries in Home Garden )
जानकारी के लिये बता दें कि अमेरिका, यूरोप, कनाडा और भारत के साथ कई देशों में ब्लूबेरी की खेती और गार्डनिंग की जाती है. भारत के जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी किसान ब्लूबेरी की फसल लगाकर अच्छी आमदनी ले रहे हैं. 



  • ब्लूबेरी उगाने के लिये ठंडी जलवायु की जरूरत होती है, लेकिन कुछ किस्में मध्यम तापमान में भी अच्छी उपज देती है.

  • गार्डन में ब्लूबेरी उगाने के लिये एसिडिक मिट्टी की जरूरत होती है, इसके लिये ग्रो बेग्स या गमले तैयार करें.

  • मिट्टी में एसीडिक गुणों के विकास के लिये रेतीली मिट्टी में कंपोस्ट की खाद, कोकोपीट और सल्फर मिल देना चाहिये.

  • आप चाहें तो कॉटनसीड मील और पाइन नीडल की कम्पोस्ट भी मिट्टी मिलकर ब्लूबेरी उगा सकते हैं.

  • गमले या ग्रो बैग में बीजों डालने से उनका अंकुरण होने दें, इससे पौधा जल्दी बनता है.

  • बुवाई के बाद ग्रो बैग या गमले में पानी डालें और मिट्टी में हमेशा नमी बनाये रखें.

  • गमले या ग्रो बैग को उठाकर धूप और हवादार स्थान पर रखें.

  • समय-समय पर मिट्टी को पलटते रहें, जिससे पौधे की जड़ों में भी ऑक्सीजन का संचार हो सके. 

  • आप चाहें तो नीम की खाद भी गमले या ग्रो बैग में डाल सकते हैं, इससे पौधे कीड़े और बीमारियों से बचे रहते हैं.



ब्लबेरी के पौधे की देखभाल (Precaution during Blueberry Plantation)
ब्लूबेरी के पौधे से स्वादिष्ट फल लेने के लिये सिर्फ बुवाई-रोपाई ही नहीं, बल्कि पौधे की देखभाल करना भी जरूरी है. 



  • पौधों को सीधे धूप नहीं छोड़ना चाहिये, इससे पत्तियां झुलस जाती है और पौधे की नमी चली जाती है.

  • बुवाई करते समय ध्यान रखें कि गमले या ग्रो बैग में एक ही जगह पर ज्यादा बीज न डालें, इससे बीजों का विकास रुक जाता है.

  • ब्लूबेरी का पौधा जब बड़ा हो जाये तो उसे गमले या ग्रो बैग से निकालकर गार्डन में लगा देना चाहिये, क्योंकि ऐसे में पौधे की जडों की विकास होता है और पौधे की काफी नमी की जरूरत होती है. 

  • वैसे तो ब्लूबेरी को बारिश के बाद सर्द जलवायु में उगाने पर ज्यादा फायदा होता है, लेकिन ये पौधा हर मौसम के हिसाब से खुद को ढाल लेता है.  



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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