Urban Farming: छत की छोटी-सी बगिया में करें टमाटर की खेती, ज्यादा पैदावार के लिये गमलों में डालें ये वाली खाद
Vegetable Gardening: सब्जियों की बढ़ती खपत को देखते हुये ज्यादातर लोग छत की बगिया पर गमले में ही टमाटर उगाना पसंद करते हैं.
Tomato Cultivation: अभी तक सिर्फ विदेशों में ही लोगों को गार्डनिंग का शौक होता था, लेकिन अब भारत में भी शहरी लोग टेरेस गार्डन यानी छत पर खेती करने में रुचि ले रहे है. छत की बगिया में फल और फूलदार पौधे उगाने के लिये गमले और ग्रो बैग्स का इस्तेमाल किया जाता है. छत पर बागवानी करने से रसोई की जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं और छोटी की बगिया फूलों से भी महकने लगती है. छत की बगिया में ज्यादातर लोग सब्जियों की बढ़ती खपत को देखते हुये टमाटर उगाना ज्यादा पसंद करते हैं. टमाटर का इस्तेमाल हमेशा से ही रसोई में किया जाता है. इस सब्जी को उगाने में कई सावधानियां बरतना भी जरूरी होता है, जिससे ज्यादा फल मिल सकें.
ऐसे तैयार करें गमला
- सबसे पहले सब्जियों की बीजों को पानी से साफ कर लें और अंकुरण के लिये 24 घंटे तक बीजों को भिगोकर छोड़ दें.
- टमाटर की अच्छी पैदावार वाली किस्मों में स्वर्ण लालिमा, पूसा सदाबहार, स्वर्ण नवीन, स्वर्ण समृद्धि और स्वर्ण सम्पदा आदि शामिल हैं.
- इसके बाद एक गमला या कंटेनर लें, जिसका व्यास कम से कम 20 इंच और गहराई 18-24 इंच हो.
- पौधे को गलन और बीमारियों से बचाने के लिये गमले में जल निकासी करें और गमले में नीचे की तरफ छेद कर दें.
- इस गमले में 40% बगीचे की मिट्टी, 30% रेत और 30% जैविक खाद भरकर एक दिन के लिये धूप में रख दें.
- बता दें कि जैविक खाद से पौधे को बढ़ने में मदद मिलेगी और रेत से जल निकासी में मदद मिलेगी.
- अगले दिन अंकुरित बीजों को गमले में फैलायें और ऊपर से मिट्टी डालकर स्प्रेयर से हल्का पानी लगा दें.
- टमाटर के अंकुरित बीजों से छोटा पौधा निकलने में 5-10 दिन का समय लग जाता है.
ऐसे करें पौधे की देखभाल
- बीजों के साथ तैयार गमले को छत के ऐसे कोने में रखें जहां 6-8 घंटे तक धूप लग सके, इससे पौधे को बढ़ने में काफी मदद मिलती है.
- गमले में नमी बनाये रखने के लिये दिन में एक बार मिट्टी पर पानी डालें.
- गमले में लगे पौधे को कीड़ों के आंतक से बचाने के लिये नीम का कीटनाशक बनाकर 20-25 दिन में एक बार छिड़काव करें
- आप चाहें तो बीमारियां लगने पर नीम के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं.
- ध्यान रखें कि छिड़काव के 7 दिन तक पौधे से फल को नहीं तोड़ना चाहिये.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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