Disease Resistant Tomato Arka Rakshak: टमाटर का इस्तेमाल हर छोटी-बड़ी रसोई में किया जाता है. इसके बिना ज्यादातर व्यंजन मानो फीके ही पड़ जाते हैं. सलाद की शोभा बढ़ाने में भी टमाटर (Tomato Salad) का कोई जवाब नहीं. इसमें मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व सेहत का ख्याल रखते हैं, लेकिन कीट-रोगों के बढ़ते प्रकोप के कारण टमाटर के ये सभी गुण ग्राहकों तक पहुंचाना काफी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि ज्यादातर टमाटर की फसल कीट-रोग से ग्रस्त हो जाती है, जिनके इलाज के लिये रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करना पड़ता है और रासायनिक कीटनाशकों से टमाटर के प्राकृतिक गुण भी प्रभावित होते हैं.


ऐसी स्थिति में किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिये वैज्ञानिकों ने टमाटर की रोग प्रतिरोधी किस्म (Disease Resistant Variety of Tomato) इजाद की है, जिसकी फसल में प्रबंधन कार्य करना (Tomato Crop Management) तो आसान है ही, साथ ही इससे बिना किसी नुकसान के अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.




बेसर हैं ये रोग (Natural Disease Control in Tomato Crop)
आर्का रक्षक टमाटर की खेती से सबसे बड़ा फायदा यही है कि ये त्रिगुणित रोग जैसे- पत्ती लपेटक इल्ली, झुलसा रोग और अगेती अंगमारी जैसे फसल के कीड़े और बीमारियों से टमाटर के पौधे और फलों का सुरक्षा प्रदान करता है. बता दें कि आर्का रक्षक टमाटर को भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एटी. सदाशिव द्वारा विकसित किया है. 


किसानों का मसीहा बना आर्का रक्षक (Arka Rakshak Tomato) 
दरअसल साल 2012-13 में मणिपुर के विष्णुपुर (Bishnupur, Manipur) के किसानों की आधे से ज्यादा टमाटर की फसल अंगमारी रोग लगाने से बर्बाद हो जाती थी. ज्यादातर किसानों की फसल में तो 70 से 100 फीसदी तक नुकसान देखने को मिल रहा था. ऐसी स्थिति में किसानों को आर्का रक्षक किस्म के बारे में जानकारी दी गई. खेती से पहले किसानों को इस किस्म का प्रदर्शन किया गया और खेतों में इसका सफल परीक्षण करके दिखाया गया. 


कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर (Chikballapur, Karnataka) जिले के किसानों ने भी कीट-रोगों के कारण टमाटर की फसल लगानी बंद कर दी थी, लेकिन साल 2014 में उन्होंने टमाटर उत्पादन के व्यावसाय में दोबारा कदम रखा और अपने खेतों में आर्का रक्षक के 3500 पौधे भी लगाये. रिपेर्ट्स की मानें तो किसानों की फसलें ना सिर्फ कीट-रोगों से सुरक्षित रहीं, बल्कि 110 दिन के अंदर ही टमाटर का मोटा उत्पादन भी मिला. 



अर्का रक्षक टमाटर की खासियत (Benefits & Importance of Arka Rakshak Tomato)
आर्का रक्षक टमाटर (Arka Rakshak Tomato) का एक ही पौधा लगभग 18 किलो तक ठोस फलों का उत्पादन दे सकता है. इसकी खेती करके आराम से 75 से 80 टन प्रति हेक्टेयर तक 90 से 100 ग्राम वजनी टमाटरों की उपज ले सकते हैं. इसके फलों की ठोस क्वालिटी के कारण ही लंबे समय तक भंडारण (Tomato Storage) और दूसके राज्यों में इसका निर्यात भी आसान हो जाता है.


सिर्फ सब्जियों के लिहाज से ही नहीं, ये टमाटर प्रसंस्करण (Tomato Processing)  यानी फूड प्रोसेसिंग उद्योग में भी चार चांद लगा सकता है. इतनी विशेषताओं के कारण ही दूसरे देशों में आर्का रक्षक टमाटर और इसके बीजों (Worldwide Demand of Arka Rakshak Tomato & seeds) की काफी मांग रहती है. इसके फलों के साथ-साथ कई किसान इसके बीजों का उत्पादन (Seed Production of Arka Rakshak Tomato) करके भी अच्छी आमदनी कमा लेते हैं.




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