Basmati Rice Export: भारत का कृषि क्षेत्र काफी मजबूर बनकर उभरा है. यहां से घरेलू और विदेशी खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. भारत के कृषि उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी डिमांड है, इसलिए कुछ कृषि उत्पादों के लिए तो एक के बाद एक ग्राहक तैयार रहते हैं. इन दिनों ईरान ने बासमती चावल और चाय का आयात अचानक से बंद कर दिया है, जिसको लेकर व्यापारी काफी चिंता में थे, लेकिन अब हरियाणा की एक टीम ने इस चिंता को भी दूर कर दिया है. हाल ही में हरियाणा को सऊदी अरब से 362 करोड़ के बासमती चावल का ऑर्डर मिला है. करीब 40,000 मीट्रिक टन बासमती चावल के ऑर्डर में से 20,000 मीट्रिक टन का ऑर्डर पूरा किया जा चुका है. इसी के साथ चालू वित्त वर्ष में 2 लाख मीट्रिक टन चावल के निर्यात और किया जाना है. देश से बासमती चावल के निर्यात को फिर से गतिशील बनाने में राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) का अहम रोल है. आइए जानते हैं आखिर ये चमत्कार हुआ कैसे.


हैफेड के प्रयासों से मिली सफलता
मीडिया रिपोर्ट्स के अुसार इन दिनों हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड यानी हैफेड की एक टीम दुबई, सऊदी अरब और ओमान के दौरे है. हैफेड के इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख उद्देश्य है बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देना, जिसके लिए हैफेड की टीम ने सऊदी अरब और ओमान में बासमती चावल के संभावित खरीदारों के साथ मिलकर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई बैठकें भी की हैं.


सऊदी अरब में बासमती चावल का सफल निर्यात हो चुका है. इन रुझानों के बाद अब हैफेड ने दूसरे देशों के साथ भी बासमती चावल के कारोबार को गति देने के लिए खास योजना बनाई है. करीब 2 लाख मीट्रिक टन के बासमती का निर्यात करने के लिए अब हैफेड ने हरियाणा के किसानों से 2 लाख मीट्रिक टन तक बासमती धान खरीदने कै प्लान बनाया है.


यहां से मिला 362 करोड़ का ऑर्डर
बासमती चावल के निर्यात पर ईरान की नजरअंदाजी अब किसानों और व्यापारियों पर भारी नहीं पड़ेगी. इसके लिए  हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड यानी हैफेड की टीम ने ओमान के शाही घराने से आने वाले सैय्यद नवाफ भार्गश सैद अल सैद के साथ एक  उच्चस्तीय बैठक भी की है. इससे बासमती चावल के निर्यात का विस्तार करने में काफी मदद मिलेगी.


इस मामले में हैफेड के प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास बताते हैं क‍ि हैफेड सऊदी अरब की प्रमुख आयातक मैसर्स सालेह ए. बाबेकर संस रियाद कंपनी से हैफेड को करीब 362 करोड़ की रकम के 40,000 मीट्रिक टन बासमती चावल का ऑर्डर मिला है, जिसमें से 20,000 टन निर्यात पूरा हो चुका है और बाकी के निर्यात की तैयारियां भी तेज हैं.


किसानों को मिले अच्छी कीमतें
मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान हरियाणा के किसानों को बासमती चावल के काफी अच्छे दाम मिले हैं, जिसका श्रेय हैफेड  को ही जाता है. हैफेड बासमती चावल के निर्यात को लेकर लगातार अरब देशों के संपर्क में रहा है. पिछले साल भी हैफेड की एक टीम ने सऊदी अरब का दौरा किया था, जिसके बाद 5,000 मीट्रिक टन बासमती चावल का ऑर्डर मिला.


सऊदी अरब के साथ-साथ कतर, ईरान, ईराक, बहरीन, कुवैत, यूएई, यमन और ओमान के अलावा जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, इटली, जर्मनी, स्पेन और यूक्रेन जैसे यूरोपीय देशों से भी ऑर्डर मिल जाते हैं. इस तरह पिछले कुछ सालों में हरियाणा ना सिर्फ बासमती चावल का  सबसे बड़ा निर्यातक, बल्कि प्रमुख उत्पादन के तौर पर काबिज हुआ है. हरियाणा के बासमती चावल के जीआई टैग भी मिला हुआ है, जो इसकी वैल्यू को और भी बढ़ा देता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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