Wheat Cultivation: गेहूं नहीं बेच पाने के कारण हरियाणा राज्य आपूर्ति और विपणन संघ(हैफेड) बिक्री के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. हैफेड ने पिछले कटाई सीजन अप्रैल-जून मेें हरियाणा और मध्यप्रदेश से व्यव्सायिक इस्तेमाल के लिए गेहूं खरीदा था. अब इसकी बिक्री के लिए ऑनलाइन बोली लगाने को लेकर आवेदन मागा गया है. ऑनलाइन बोली पहली बार लगाई जा रही है. हैफेड ने 67363.62 टन गेहूं खरीदा था.  


यहां लगाई जाएगी बोली
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हैफेड ने जानकारी दी है कि उसकी बोली या ई-नीलामी कुछ प्लेटपफार्म पर होगी. इनमें एनसीडीईएक्स ई मार्केट्स (‘एनईएमएल’) प्लेटफॉर्म, स्टार एग्रीबाजार टेक्नोलॉजी (एग्रीबाजार) और ई-टेक इनोवेटिव सर्विस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. 


हैफेड नहीं बेच पा रहा गेहूं
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गेहूं बेचने का हैफेड लगातार प्रयास कर रहा है. 6 बार गेहूं बेचने के प्रयास में फेल हो गया है. इससे पहले 4 लाख गेहूं बेचने की कोशिश भी पफेल हो गई थी. सातवें प्रयास में देखा जाएगा कि क्या होने वाला है. वहीं गेहूं स्टॉक की बात करें तो हरियाणा के फतेहाबाद जिले में 26968 टन स्टॉक में रखा हुआ है. वहीं मध्यप्रदेश के उज्जैन, इंदौर, देवास, विदिशा, गंजबासौदा, सीहोर, भोपाल में 40395 टन गेहूं का भंडारण हैं. इसकी बिक्री मध्यप्रदेश में की जाएगी. 


पूरे देश में एक समान दर पर हो बिक्री
जानकारों का कहना है कि गेहूं बिक्री की दरों में कुछ असामानताएं देखने को मिली हैं. इससे मिलर नाराज हैं. हैफेड के टेंडर में 2443.55 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं बेचा था. वहीं, केंद्र 2022-23 के लए गेहूं की आर्थिक लागत 2588..70 रुपये रहने का अनुमान लगा रहा है. गेहूं की जब बिक्री पूरे देश में है तो वह एक ही रेट पर होनी चाहिए. मिलर राज्य की ओर से नामित डिपो से ही गेहूं उठाएं. अन्य डिपो से गेहूं बिल्कुल न उठाया जाए. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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