Hailstorm In Madhya Pradesh: पिछला सीजन सूखा, बाढ़, बारिश की चपेट में रहा. नए साल में पहले कड़ाके की ठंड और पाले ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया. अब भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को बर्बाद करना शुरू कर दिया है. अभी तक ओलावृष्टि की खबरें राजस्थान के अलग अलग जिलों से सामने आ रही थीं. लेकिन अन्य राज्यों में भी ओलावृष्टि ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसान विशेषज्ञों से राय लेकर खेत में भरे पानी की जल निकासी का प्रबंध कर रहे हैं. 


मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में अधिक ओलावृष्टि देखने को मिली है. मौसम बिगड़ने के कारण यहां पिछले तीन दिनों से ओलावृष्टि हो रही है. ओलावृष्टि के कारण संतरा, लहसुन, गेहूं अन्य फसलों के नुकसान होने का खतरा बढ़ गया है. मंदसौर के मल्हारगढ़, पिपलियामंडी, सीतामऊ समेत अन्य क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई है. बारिश के साथ आसमान से ओले भी बरसे हैं. इसके चलते फसलों में पानी भर गया है. वहीं तेज हवा और ओलावृष्टि के कारण फसल जमीन पर ही गिर गई है. 


यहां भी अफीम को नुकसान
राजस्थान में कुछ क्षेत्र में अफीम की खेती की जाती है. हाल में हुई ओलावृष्टि से यहां किसानों की अफीम की फसल को नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि आसमान से बर्फ के रूप में मोटे ओले बरसे. इससे अफीम की फसल की क्षति हुई है. वहीं मध्य प्रदेश में भी कुछ क्षेत्र में अफीम की खेती की जाती है. यहां हो रही ओलावृष्टि का नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है. किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से अफीम की फसल को नुकसान हुआ है. इसके अलावा गेहूं, संतरा की फसल भी प्रभावित हुई है. 


2 फरवरी से सक्रिय होगा अगला पश्चिमी विक्षोभ
मौसम विभाग का कहना है कि प्रेरित चक्रावतीय परिसंचरण दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से डेढ़ किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है. दो फरवरी के बाद अगला पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की पूरी संभावना है. इसके चलते आने वाले दिनों में भी बारिश होने की पूरी संभावना है. किसान परेशान हैं कि इस भारी बारिश में गेहूं, सरसों, चना, अफीम की खेती का बचाव किस तरह से किया जाए. पानी की निकासी तो किसान कर रहा है. लेकिन ओलावृष्टि और तेज हवाओं से बचाव में किसान के हाथ पांव फूल रहे हैं. 


अभी तापमान और अधिक गिरेगा
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ दिन की धूप निकलने से यह न समझें कि सर्दी जाने वाली हैं. अभी जनवरी चल रही है. जिस तरह से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है. उसका असर बड़े पैमाने पर देखने को मिलेगा. बारिश, ओलावृष्टि और हिमालय की ओर से आ रही शीत लहरों के कारण तापमान में और अधिक गिरावट दर्ज की जाएगी. आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट और अधिक दर्ज की जा सकती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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