DAP Fertilizer: देशभर में रबी फसलों की बुवाई जोरों-शोरों से चल रही है. यही वजह है कि उर्वरकों की मांग में भी इजाफा देखने को मिला है. कई राज्यों में सरकारी खरीद केंद्रों पर उर्वरकों की मांग बढ़ गई है. वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि रबी सीजन की खेती के लिए देश में उर्वरकों के भरपूर भंडार मौजूद हैं. फिलहाल, यूरिया, डीएपी और एमपीके फर्टिलाइजर की मांग में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जो बाकी उर्वरकों की तुलना में कहीं ज्यादा है. हरियाणा में भी उर्वरकों की मांग-आपूर्ति को लेकर मिले-जुले रुझान हैं. कई उर्वरक केंद्रों पर डीएपी फर्टिलाइजर उपलब्ध नहीं है. इस मामले में हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने वैकल्पिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने की हिदायत दी है.
वैकल्पिक उर्वरकों का करें इस्तेमाल
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से किसानों के नाम संदेश जारी किया है. कृषि मंत्री ने कहा है किसानों को रबी सीजन में गेंहू की बिजाई के लिए पर्याप्त डीएपी खाद उपलब्ध करवाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. किसान चाहें तो बिजाई के लिए डीएपी की जगह एसएसपी या एनपीके फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
राज्य में उर्वरकों के मौजूदा हालात
जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा में इस समय 23,000 मीट्रिक टन डीएपी, 52,000 मीट्रिक टन एसएसपी और 7,000 मीट्रिक टन एनपीके फर्टिलाइजर का भंडार मौजूद है, लेकिन बुवाई के सीजन के बीच उर्वरकों की बढ़ती मांग के बीच सप्लाई में देरी देखी जा रही है. इससे पहले भी राज्य सरकार ने किसानों को उर्वरक की खरीद में संयम बरतने को कहा था, जिससे शांतिपूर्ण ढंग से सही मात्रा में उर्वरकों की आपूर्ति हो सके और राज्य में किसी भी तरह की अव्यवस्था ना फैल पाए. आंकड़ों की मानें तो पिछले साल सितंबर से नवम्बर तक हरियाणा में 2 लाख 78 हजार मीट्रिक टन डीएपी फर्टिलाइजर की बिक्री हो चुकी थी, जबकि इस साल 21 नवंबर तक 3 लाख 6 हजार मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक किसानों को बेचा जा चुका है.
ये कृषि विश्वविद्यालय करेगा आपूर्ति
फर्टिलाइजर की मांग और सप्लाई में उथल-पुथल के बीच हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय ने उर्वरक उपलब्ध करवाने की सिफारिश की है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यूनिवर्सिटी किसानों को एक बैग डीएपी या 3 बैग एसएसपी या 1.5 बैग एनपीके (12:32:16) के इस्तेमाल से फॉस्फोरस की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को रोजाना 2,000 से 3,000 मीट्रिक टन डीएपी/एनपीके सप्लाई किया जा रहा है. उर्वरकों की बिक्री का काम भी प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से हो रहा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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