Urea Distribution: Haryana को इतने लाख मीट्रिक टन डीएपी और यूरिया आवंटित, स्टॉक न करें किसान
केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को डीएपी व यूरिया खाद का भरपूर स्टॉक दिया है. नवंबर व दिसंबर में इसका वितरण शुरू कर दिया जाएगा
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DAP Distribution: हरियाणा में इस साल डीएपी और यूरिया की कमी नहीं होगी. प्रदेश सरकार को भरपूर स्टॉक आवंटित हुआ है. गवर्नमेंट ने अपील की है कि किसी भी किसान को यूरिया और डीएपी स्टॉक करने की जरूरत है. सरकार के पास प्रोपर स्टोकेज है.
2.7 लाख मीट्रिक टन डीएपी आवंटित
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रबी सीजन के लिए स्टेट को 2.7 लाख मीट्रिक टन डीएपी आवंटित हुआ है. 15 अक्टूबर तक 1.05 लाख मीट्रिक टन डीएपी स्टेट को मिला है. इसमें से 55736 मीट्रिक टन डीएपी बिक चुके है, जबकि 49769 अभी स्टॉक के रूप में उपलब्ध है. जो शेष स्टेट को मिलना है, उसके भंडारण के लिए सभी व्यवस्था कर ली गई हैं.
11.5 लाख यूरिया का हुआ आवंटन
रबी फसल के लिए काफी यूरिया भी स्टेट को मिला है. स्टेट को 11.5 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन हुआ है. अभी तक 3.11 लाख मीट्रिक टन यूरिया स्टेट को मिल गया है, जबकि स्टॉक ने 2.54 यूरिया स्टॉक में रखा है. जो बाकि मिलना है, उसके लिए स्टोकेज की व्यवस्था पूरी कर ली गई है.
नवंबर और दिसंबर में नहीं होगी कमी
सरकार ने किसानों से अपील की है कि जरूरत के हिसाब से डीएपी और यूरिया का प्रयोग करें. नवंबर और दिसंबर में फसलों की बुआई होनी है. इस दौरान स्टेट में यूरिया और डीएपी की कमी नहीं होने दी जाएगी. डीएपी, यूरिया के अलावा एनपीके और एसएसपी आदि खादों का स्टॉक भी बुवाई के लिए उपलब्ध करा दिया है.अधिकारियों का कहना है कि सरसों की बुवाई के लिए किसान एसएसपी खाद का इस्तेमाल करें. एसएसपी में फास्फोरस के अलावा सल्फर भी मिलता है. इससे सरसों में तेल बढ़ता है. गेहूं ममी फ़सलों के लिए एनपीके का प्रयोग सही रहेगा. इसके प्रयोग से जमीन की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है. पैदावार अधिक होती है.
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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