Paddy Procurement on MSP: देश के ज्यादातर इलाकों में धान की कटाई का काम पूरा हो चुका है और किसान अपनी उपज को लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. इसी बीच में राज्यों में एमएसपी (MSP 2022) पर धान को खरीदा जा रहा है. अभी तक राज्य में 52 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है, जिसके लिए किसानों को 10000 करोड़ का भुगतान किया गया है.


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल राज्य में धान की रिकॉर्ड खरीद की गई है. पहले राज्य सरकार ने 72 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन खरीद और भुगतान की प्रक्रिया को और भी ज्यादा आसान बनाते हुए 48 घंटों के अंदर ही उपज के लिए किसानों को भुगतान मिल रहा है.


भुगतान में देरी पर मिलेगा मैसेज 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों को धान, बाजरा जैसी खरीफ फसलों की खरीद करने के बाद समय पर भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को भुगतान में देरी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. अगर किसी तकनीकी कारण से किसानों को समय पर भुगतान नहीं मिल पा रहा है तो उन्हें संदेश भेजकर इसकी जानकारी दी जाए, जिससे किसान अपनी तरफ से आ रही समस्याओं को जल्द से जल्द ठीक कर सके और समय से अपनी उपज का भुगतान हासिल कर सके.


इस साल होगी रिकॉर्ड धान की खरीद 
इस साल मौसम की अनिश्चितताओं के बावजूद हरियाणा ने धान की रिकॉर्ड खरीद (Paddy Procurement in Haryana) करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यहां पिछले साल 40 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था. वहीं अभी तक 52,47,111 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. यह पिछले साल के मुकाबले 13% ज्यादा है. वहीं राज्य में धान की खरीद के लिए 210 मंडिया और खरीद केंद्र बनाए गए है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हरियाणा के कुरुक्षेत्र, करनाल और कैथल जिलों से बड़े पैमाने पर धान खरीदा गया है. राज्य में 1 अक्टूबर से ही धान की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई थी, जिसके लिए किसानों को पंजीकरण की सुविधा दी गई थी. इस साल राज्य में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने और 72 घंटे के अंदर इसका पेमेंट करने का लक्ष्य रखा था.


जल्द मिलेगा फसल नुकसान मुआवजा 
हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को धान की फसल में हुए नुकसान को लेकर मुआवजे (Crop Loss Compensation) की प्रक्रिया को तेज कर दिया है. इसके लिए अधिकारियों को जल्द रिपोर्ट सब्मिट करने के आदेश मिले हैं., जिससे समय रहते किसानों को धान की फसल में हुए नुकसान का मुआवजा मिल सके. जानकारी के लिए बता दें कि 1 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक बेमौसम बारिश के कारण देश के ज्यादातर इलाकों में धान की फसल को काफी नुकसान हुआ. उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में धान की फसल खेतों में बिछ गई तो कुछ फसलें जलमग्न थीं. इस मामले में राज्य सरकार होने तुरंत सर्वे करने और रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे, जिससे कि समय पर किसानों को फसल नुकसान मुआवजा दिया जा सके.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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