Agri Awards: कृषि से जुड़े इस काम के लिए हरियाणा ने जीता 'स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड', जानें क्या हैं इस सम्मान के मायने
Skoch Gold Award: कृषि और बागवानी के क्षेत्र में तमाम उपलब्धियां हासिल करने के बाद अब हरियाणा ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड और फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम के लिए नेशनल लेवल पर स्कॉच गोल्ड अवार्ड जीता है.
Soil Health Card: देश में कृषि क्षेत्र का तेजी से विकास-विस्तार चल रहा है. इस सेक्टर में कई राज्य उमदा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यताएं दी जा रही हैं. इसी कड़ी में हरियाणा ने भी कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. अब एक नई उपलब्धी के लिए हरियाणा के कृषि और बागवानी विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है. इन दोनों विभागों ने सॉइल हेल्थ कार्ड और फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम में अपनी-अपनी उपलब्धियों के लिए स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड जीता है.
बढ़ेगी किसानों की आय
हरियाणा की इस उपलब्धि को लेकर सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि नई दिल्ली में स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड सम्मान प्राप्त करने के लिए हरियाणा की तरफ से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा और बागवानी विभाग के महानिदेशक अर्जुन सैनी मौजूद थे.
बता दें कि पिछले कुछ साल से हरियाणा पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी फसलों पर भी फोकस कर रहा है.राज्य सरकार ने कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी विविधिकरण के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में अहम रोल अदा किया है.
हरियाणा ने जीता स्कॉच गोल्ड अवॉर्ड
— MyGovHaryana (@mygovharyana) December 19, 2022
मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम में किए गए अनेक उल्लेखनीय कार्यों के चलते मिला पुरस्कार pic.twitter.com/7c0L4uItuX
एग्री बिजनेस-हॉर्टिकल्चर में आगे हरियाणा
मीडिया से बातचीत करते हुए हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि खाद्यान्न के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का योगदान दूसरे नंबर पर है. राज्य ने बागवानी विविधिकरण और एग्री-बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए भी कई नीतिहत पहल की है. हरियाणा ने करीब 700 किसान उत्पादक संगठन स्थापित करके 400 बागवानी फसल समूहों की मैपिंग की है.
उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार ने फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके तहत क्लस्टर के बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मजबूत बनाने के लिए एफपीओ के माध्यम से ऑन-फार्म इंडीग्रेटेड पैक हाउस बनाए गए हैं, जिस पर करीब 510.35 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान है. इस स्कीम के तहत राज्य में 33 एकीकृत बनकर तैयार हो चुके हैं और 35 पर तेजी से काम चल रहा है.
Happy to share - Yesterday Haryana received the Skoch Gold Award for Agriculture - soil health card program
— Dr Sumita Misra IAS (@sumitamisra) December 20, 2022
And for Horticulture - crop cluster & market linkages program ! pic.twitter.com/Q3BwPKei25
सॉइल टेस्ट लैब का नेटवर्क
खेती से बेहतर उत्पादन के लिए देशभर के किसानों को मिट्टी की जांच की सुविधा दी जा रही है. इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भी बनाई है. हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि हरियाणा में इन मृदा जांच प्रयोगशालाओं का बड़ा नेटवर्क है.
इस लैब्स में किसानों की पहुंच को आसान बनाया गया है. राज्य में हर 20 से 25 किलोमीटर के दायरे में एक सॉइल टेस्ट लैब मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि साल 2020-21 से पहले तक राज्य में 35 मृदा जांच प्रयोगशालाएं थीं, जहां हर साल 7.4 लाख मिट्टी के सैंपलों की जांच हो रही थी.
पिछले 2 साल में इन सॉइल टेस्ट लैब की संख्या भी बढ़कर 95 लाख हो गई है, जहां हर साल 30 लाख मिट्टी के सैंपल की जांच की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा सरकार ने साल 2021-22 से 2022-23 के बीच 60 नई मृदा जांच प्रयोगशालाएं बनाईं है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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