PM Fasal Beema Yojana: किसान जल्द से जल्द इन कागजों के जरिए करवा लें फसल का बीमा, नुकसान हुआ तो मिल जाएंगे पैसे!
Crop Insurance: हरियाणा सरकार ने रबी फसलों का बीमा के लिए पीएम फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचना जारी की है, जिसमें गेहूं, जौ, चना, सरसों की फसलों की प्रीमियम राशि की जानकारी और डेडलाइन बताई गई है.
![PM Fasal Beema Yojana: किसान जल्द से जल्द इन कागजों के जरिए करवा लें फसल का बीमा, नुकसान हुआ तो मिल जाएंगे पैसे! Haryana Government issues notification of amount of premium for Rabi crops under PM Fasal Bima Yojana PM Fasal Beema Yojana: किसान जल्द से जल्द इन कागजों के जरिए करवा लें फसल का बीमा, नुकसान हुआ तो मिल जाएंगे पैसे!](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/12/0c900b261513ec56cd77ff3b2121e61e1670830522901455_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Fasal Beema: साल-दर-साल कृषि में जोखिम बढ़ते जा रहे हैं. जलवायु परिवर्तन का सबसे बुरा असर इसी क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. सालभर खेतों में मेहनत करने वाले किसान ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं के चक्कर में नुकसान भुगत रहे हैं. इस नुकसान को कम करने और इसकी भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई है. इस स्कीम के तहत रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत, खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत ब्याज लिया जाता है, जिसकी एवज में फसल को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर बीमा कंपनियों के साथ मिलकर केंद्र और राज्य सरकारें बीमा क्लेम देती है.
इन दिनों देश में रबी फसलों की बुवाई का काम पूरा हो चुका है, इसलिए कई राज्यों में रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. हरियाणा में भी कैंप, किसान गोष्ठी और मोबाइल वैन के जरिए रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए किसानों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है. इस बीच हरियाणा सरकार ने फसल बीमा के तहत आने वाली रबी फसलों के लिए प्रीमियम की राशि की अधिसूचना जारी कर दी है.
किसानों को 31 दिसंबर तक रबी फसलों का बीमा करवाने की हिदायत दी जा रही है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से सबक लेकर हर किसान को अपनी रबी फसलों का बीमा अवश्य करना चाहिए.
कितना ब्याज भरना होगा
हरियाणा सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, रबी सीजन- 2022-23 के तहत गेहूं, जौ, चना, सरसों की फसलों के लिए किसान को अलग-अलग दरों से ब्याज अदा करना होगा, जिससकी पूरा लिस्ट नीचे दी गई है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए हरियाणा सरकार की अधिसूचना (PMFBY) |
|
फसल |
ब्याज का भुगतान (प्रति हेक्टेयर) |
गेहूं |
1062.51 रुपये |
जौ |
694.71 रुपये |
सरसों |
715.14 रुपये |
चना |
531.24 रुपये |
सूरजमुखी |
694.71 रुपये |
नहीं करवाना बीमा तो जमा करें ये डोक्यूमेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से हरियाणा कृषि विभाग के उप-निदेशक डॉ. गिरीश नागपाल बताते हैं कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत ऋणी या गैर-ऋणी कोई भी किसान बोई गई रबी फसलों का बीमा करवा सकता है. इसी बीच जो भी कर्जदार किसान अपनी रबी फसलों का बीमा नहीं करवाना चाहते या पीएम फसल बीमा योजना में शामिल नहीं होना चाहते,वो भारत सरकार के चयन प्रपत्रनुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र को 24 दिसंबर 2022 तक अपने वित्तीय संस्थान में अवश्य जमा करवा दें. अन्यथा लोन देने वाली बैंक अपने आप मौसम के लिए स्वीकृति या नवीनीकृत किए गए कर्जदार किसानों को बीमाकृत कर देगी. अगर किसान अपनी फसल को बदलवाना चाहते हैं तो 29 दिसंबर तक अपनी बैंक की शाखा में जरूर संपर्क कर लें.
कहां करें संपर्क
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए किसी रजिस्टर्ड बीमा कंपनी के प्रतिनिधि, एजेंट, सीएससी सेंटर या किसी भी बैंक की शाखा में संपर्क कर सकते हैं. बता दें कि रबी फसलों का बीमा करवाने के बाद ओलावृष्टि, जलभराव, बादल फटना, पाला पड़ना, और आगजनी जैसी प्राकृतिक तमाम प्राकृतिक घटनाओं से बीमित फसल को नुकसान हो जाए तो किसान को 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनी को सूचित करना होगा. हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने हेल्पलाइन नंबर-1800-180-2114 भी जारी किया है, जिस पर कॉल करके भी बीमित फसल में नुकसान की जानकारी दे सकते हैं.
हरियाणा में #PMFBY के अंतर्गत पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2022 है , इसलिए आज ही अपनी रबी फसलों का बीमा जरूर कराएं .#PMFBY4farmers #Rabi2022 #PMFBYRabi #फसलबीमा https://t.co/ZidjACUbdG
— Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (@pmfby) December 12, 2022
किन किसानों को मिलता है बीमा क्लेम
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसी भी प्राकृतिक आपदा, सूखा, बारिश, ओलावृष्टि, जलभराव, प्राकृतिक आगजनी से खड़ी फसल में नुकसान होने पर बीमित किसान को बीमा क्लेम दिया है.
- यदि बीमित फसल की औसत पैदावार भी प्राकृतिक आपदाओं से कम हो जाती है, तब भी किसान बीमा क्लेम का हकदार होगा.
- अगर बीमित फसल की कटाई के बाद खेत-खलिहान में सुखाने के लिए खुला छोड़ दिया गया है. ऐसी स्थिति में भी 14 दिनों तक फसल में नुकसान होने पर किसान क्लेम का हकदार होगा.
इन सभी कंडीशन के बीच बीमा कंपनियों की शर्त सिर्फ एक ही है कि किसान को नुकसान के 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को जानकारी देनी होगी, ताकि खेत का मुआयना करके जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई की जा सके.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: पराली को लेकर 3,000 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है केंद्र सरकार, जानें 5 साल में किस हद तक हुआ बदलाव
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)