Paddy Purchase on MSP: देश के ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद चल रही है. सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक, किसान रजिस्ट्रेशन के बाद धान बेचकर 48 घंटे में डीबीटी के माध्यम से भुगतान पा रहे हैं. हरियाणा में भी करीब 98% किसानों को धान की खरीद का भुगतान किया जा चुका है. मंगलवार रात को धान की सरकारी खरीद बंद करने के बाद राज्य सरकार ने कुछ डिटेल्स साझा कीं.


हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में राज्य ने 57 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन इस लक्ष्य को पार करके सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 58.60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है. धान की खरीद पूरी होने के बाद सबसे पहले किसानों की पेमेंट निपटाई जा रही है. राज्य के किसानों को 72 घंटे के मुकाबले 48 घंटे के अंदर धान का पेमेंट मिल रहा है.


हरियाणा ने खरीदा रिकॉर्ड धान
प्रेस वार्ता के दौरान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि, अभी तक के इतिहास में हरियाणा ने रिकॉर्ड धान की खरीद कर इतिहास रच दिया है. धान बेचने पर 98 फीसदी किसानों के खाते में 48 घंटे के अंदर भुगतान किया है. साथ ही मंडियों से 98.7% धान की लिफ्टिंग हो चुकी है और धान को राइस मिल्स में पहुंचाया गया है.






डिप्टी सीएम ने बताया कि राज्य में पंचायत चुनावों का समापन होते ही किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा भी भेज दिया जाएगा. इस मामले में हर जिले ने गिरदावरी की रिपोर्ट सब्मिट कर दी है. किसानों ने भी मुआवजा पाने के लिए पंजीकरण कर दिया है. जल्द किसानों का वेरिफिकेशन करके फसल नुकसान मुआवजा भेज दिया जाएगा. 


राइस मिल में होगा वेरिफिकेशन
हरियाणा की कई चावल मिलों में धान की खरीद के बाद कई फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं, इसलिये अब राज्य सरकार ने दिसंबर तक राइस मिलों में धान के स्टॉक का फिजिकव वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं, जिससे फर्जीवाड़े या धोखाधड़ी का कोई मामला ही ना रहे. हाल ही में, करनाल जिले के जुंडला में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां स्कूटर के नंबर पर धान का ट्रांसपोर्टेशन दर्ज किया गया है.


इस मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग विभाग की टीम राइस मिलों की क्षमता जांचने में लगी थीं. तभी सामने आया है कि एक राइस मिलर ने स्कूटर के नंबर पर धान की लिफ्टिंग की है. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने धान उठाने वाले वाहनों का ई-परिवहन पर वेरिफिकेशन करने के सख्त निर्देश दिए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा में धान के लिए कुल 1456 राइस मिलर्स रजिस्टर्ड हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें- इस राज्य में भेड़ पालन के लिए चलाई जा रही ये खास योजना, 75,000 की लागत पर मिलेगी 50% सब्सिडी