(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Compensation Scheme: यदि खेतों में पानी भरने की वजह से नहीं हो पाई बुवाई तो सरकार से मिलेंगे 7,500 रुपये प्रति एकड़, पढ़ें डीटेल
Compensation: खेतों में जल भराव की वजह से बुवाई नहीं हो पाई तो ये नुकसान किसानों पर भारी नहीं पड़ेगा. अब हरियाणा के किसानों को राहत पहुंचाते हुए सरकार 7,500 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजे भी देगी.
Water Logging: इस साल मौसम की अनिश्चितताएं खेती-किसानी पर हावी रहीं. कई राज्यों में सूखा जैसी परिस्थितियां पैदा हो गईं तो कहीं महीनों तक खेतों में पानी भरा रहा. सरकार ने इन समस्या पर संज्ञान लिया है. इस चुनौती को लेकर हरियाणा सरकार ने एक समाधान निकाला है, जिससे किसानों को आर्थिक संकट नहीं झेलना पड़ेगा. यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं और किसी कारण से खेतों में पानी भर गया है, जिसकी वजह से आप बुवाई नहीं कर पाए हैं तो हरियाणा सरकार की तरफ से 7,500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान मिल सकता है.
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र को संबोधित करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यदि पानी भरे रहने के कारण फसलों की बुवाई नहीं हो पाई है तो जमीन के मालिक किसानों को मिलने वाले मुआवजे की रकम को बढ़ाकर 7,500 रुपये कर दिया गया है. ये राहत मुआवजा पहले 6,000 रुपये प्रति एकड़ था.
इन किसानों को नहीं मिलेगा मुआवजा
जल भराव से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई को लेकर हरियाणा सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं. ये मुआवजा सिर्फ खेती करने वाले किसानों को ही दिया जााएगा. यदि किसान अपने खेत में निर्माण कार्यों के लिए खेत की मिट्टी बेचते हैं या ईंट उद्योग के लिए खेत की मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें खेत में पानी भरने पर मुआवजा नहीं मिलेगा.
कहां करें संपर्क
यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं और आपके खेतों में भी जल भराव के कारण बुवाई या कोई भी कृषि कार्य नहीं हो पा रहा है तो राज्य सरकार से 7,500 रुपये के मुआवजे के हकदार होंगे. ऐसी परिस्थिति आने पर किसान को अपने नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क करना होगा.
वहां जानकारी देने के बाद कुछ अधिकारी फील्ड पर जाकर स्थिति का मुआयना करेंगे. इस फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद किसान से आवेदन स्वीकार करके मुआवजे की रकम पीड़ित के खाते में भेज दी जाएगी. ये स्कीम छोटे किसानों को आर्थिक संकट से उबारने में मददगार साबित होगी.
मछली पालन को बढ़ावा
सीएम खट्टर ने सलाह दी कि जो लोग अपने खेतों की मिट्टी को ईंट भट्टा या निर्माण कार्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं, उन्हें जलभराव के लिए मुआवजा नहीं मिलेगा, लेकिन इन किसानों को अपने खेत में मछली पालन को बढ़ावा देना चाहिए. सीएम खट्टर ने कहा कि राज्य में तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए तालाब प्राधिकरण बनाया है, जिसके अंडर 1762 तालाबों का रेनोवेशन हो रहा है और कुल 663 तालाबों को ठीक किया जा चुका है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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