Meri Fasal Mera Byora Portal: मौसम में हो रहे अनिश्चितकालीन बदलाव हर किसी के लिए राहत नहीं लाते. कुछ के लिए बेमौसम बारिश चिंता का विषय बन जाती है. पिछले कुछ सालों से चल रहे जलवायु परिवर्तन ने एग्रीकल्चर सेक्टर को काफी प्रभावित किया है. आए दिन बेमौसम बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है. ये किसानों का जज़्बा ही तो है, जो सालोंसाल नुकसान झेलने के बावजूद वापस खेती में जुट जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में किसान धीरे-धीरे आर्थिक नुकसान में जा रहे हैं. अन्नदाताओं की इसी समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी तमाम केंद्र और राज्यावर स्कीम्स चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के जरिए किसानों को नुकसान की आंशिक भरपाई की जाती है, ताकि अन्नदाताओं को बड़े आर्थिक संकट से बचाया जा सके. इन दिनों बारिश से हुए फसल नुकसान को लेकर परेशान किसानों के लिए हरियाणा सरकार ने भी मुआवजे का ऐलान किया है.
3 अप्रैल तक आवेदन कर दें किसान
मार्च में बारिश, आंधी, ओलावृष्टि से फसल नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए हरियाणा सरकार ने दोबारा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है. राज्य के अलग-अलग इलाकों में फसल नुकसान के आंकलन के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश जारी किए गए हैं.
साथ ही किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने को कहा जा रहा है. यहां पंजीकरण करवाने के बाद किसान आसानी से ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन कर सकते हैं. ध्यान रखें आवेदन की अंतिम तारीख 3 अप्रैल रखी गई है.
कितना मुआवजा मिलेगा
हरियाणा सरकार ने फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक पारदर्शी प्रणाली तैयार की है. किसानों को फसल नुकसान के आकलन और सत्यापन के आधार पर मुआवजे की व्यवस्था की गई है. रिपोर्ट्स की मानें तो फसल की विशेष गिरदावरी के बाद मई के महीने तक किसानों को नुकसान के लिए भरपाई कर दी जाएगी.
किसानों के लिए राहत की खबर यह भी है कि जिन किसानों को अपनी फसल का बीमा नहीं करवाया है. उन किसानों को गेहूं की फसल में 75 फीसदी नुकसान के लिए 15,000 रुपये प्रति एकड़ और 50 से 75 फीसदी के बीच फसल नुकसान होने पर 12,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा.
बीमित किसानों को भी राहत
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कवर लेने वाले किसानों को फसल में हुए नुकसान की जानकारी 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनी को देनी होगी, ताकि भरपाई के लिए दावेदारी मजबूत रहे.
पीएम फसल बीमा योजना के नियमों की मानें तो फसल कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसल के लिए 14 तक बीमा का सुरक्षा कवच मिलता है. यदि इस दौरान फसल में नुकसान हो जाए तो भी किसान मुआवजे की हकदार होंगे. हालांकि जिन किसानों का बीमा नहीं है वो ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करके भरपाई ले सकते हैं.
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