Crop Loss Compensation: जलवायु परिवर्तन का सबसे बुरा असर खेती-किसानी पर देखने को मिलताहै. मौसम के अनिश्चितकालीन बदलावों के चलते फसल उत्पादन कम हो जाता है. पिछले साल खरीफ सीजन में भी मौसम की मार ने धान के फसल उत्पादन के प्रभावित किया था. इस साल रबी फसलों में भी पाला पड़ने से भारी नुकसान देखने को मिला है. हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब में आलू और सरसों की फसल पाले की चपेट में आ गई हैं. पिछले कई दिनों से किसान भी इस नुकसान की भरपाई मांग रहे थे, जिस पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार ने गिरदावरी करवाने के निर्देश जारी किए हैं. राज्य में 5 फरवरी से फसल में हुए नुकसान का सर्वे किया जाना है, जिसके लिए पटवारी के एक्स्ट्रा पे स्केल भी दिया जाएगा.


किसानों को मिलेगा मुआवजा
हरियाणा के कई जिलों में पाला पड़ने से गेहूं, चना, सरसों, मसूर, धनिया, आलू, मैथी और अफीम की फसल में नुकसान हुआ है. कई जिलों में पटवारी स्तर से इस नुकसान का सर्वे भी चालू कर दिया गया है. हरियाणा सरकार ने 5 फरवरी से फसल में नुकसान का सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को समय पर इसकी भरपाई की जा सके.


रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के भिवानी में पाले से बर्बाद हुई फसल की गिरदावरी के लिए कृषि विभाग ने खंड स्तर पर सात टीमों का गठन किया है. जल्द इस सर्वे अभियान की रिपोर्ट भी तैयार करके सौंप दी जाएगी.


आंकड़ों की मानें तो पाला पड़ने से सरसों की फसल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. अकेले भिवानी में 3 लाख 65 हजार एकड़ जमीन पर सरसों की फसल है, लेकि पाले से सरसों का दाना ही नष्ट हो गया है, जिससे अब उपज नहीं मिल सकती. सब्जी फसलों के पौधे भी लगभग खत्म हो चुके हैं.


बता दें कि हरियाणा को दूसरा बड़ा सरसों उत्पादक राज्य कहते हैं. यहां से सरसों का 13.33% उत्पादन मिल जाता है. हर एक एकड़ से 8 से 10 क्विंटल सरसों की उपज मिलती है, जिससे किसानों को 60,000 रुपये तक की इनकम हो जाती है. इसी की तर्ज पर किसानों ने 50,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से भरपाई की मांग की है.


अगेती फसलों में भारी नुकसान
ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर इलाकों में सरसों की अगेती फसलें नुकसान की जद में आई हैं, क्योंकि जल्द बुवाई वाली सरसों में इन दिनों दाना बनने लगता है, लेकिन पाला पड़ने से फलियां ही जमकर नष्ट हो गईं. अभी नुकसान का सही आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन 50 से 80 प्रतिशत नुकसान की आशंका जताई जा रही है.


गेहूं की फसल में नुकसान नहीं
एक्सपर्ट ने बताया कि जांच रिपोर्ट से ही सरसों की फसल में नुकसान की जानकारी हो पाएगी. कई इलाकों में चल रहे सर्वे से सरसों और सब्जी फसलों में ही सबसे ज्यादा नुकसान होने का पता चला है, लेकिन असल नुकसान कितना है इसका अनुमान जांच रिपोर्ट से ही चल पाएगा.


अच्छी बात यह है कि पाले के कहर से गेहूं की फसल में कोई नुकसान नहीं हुआ है. किसानों ने सावधानी बरतते हुए पहले से ही प्रबंधन कार्य चालू कर दिए थे. किसानों को लगातार शाम के समय हल्की सिंचाई की सलाह दी जा रही थी. एक्सपर्ट ने भी बताया कि तापमान में गिरावट के गेहूं की फसल पर ज्यादा असर नहीं होता. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें- कब खत्म होगा अगली किस्त का इंतजार? फरवरी में इस दिन खाते में आ सकते हैं पैसे!