Animal Husbandry: दूध-डेयरी के बिजनेस की सफलता पूरी तरह पशुओं की सेहत पर निर्भर करती है. वैसे तो अब पशुपालक जागरूक हो गए हैं. पशुओं के खान-पान से लेकर रहन-सहन और हेल्थ का पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन कई बार पशुओं के साथ इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. कई बार समय पर चिकित्सा सेवा ना मिलने के चलते पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान हो जाता है. इस तरह की गंभीर चुनौतियों का हल हरियाणा सरकार ने निकाल लिया है. दरअसल, हरियाणा सरकार जल्द ही पशु एंबुलेंस की संख्या बढ़ाकर एक ऐसी सेवा चालू करने जा रही है, जिसमें पैरामेडिकल स्टाफ वाली एंबुलेंस पशुपालन और डेयरी विभाग के डॉक्टरों के साथ गांव में पहुंचकर ही पशुओं का इलाज करेगी. इस तरह पशुओं की तबियत बिगड़ने पर गांव से बाहर दूर-दराज के अस्पताल में लाने-ले जाने की नौबत नहीं आएगी. आइए जानते हैं इस खास पहले के बारे में विस्तार से.
केंद्र से सहयोग से मिलेंगी 70 पशु एंबुलेंस
जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा में पहले से ही 20 पशु एंबुलेंस सेवा में हैं, लेकिन हरियाणा में पशुपालन के क्षेत्र का विस्तार होता जा रहा है. ये राज्य दूध उत्पादन में टॉप पर है, इसलिए अब पशुओं के लिए चिकित्सा सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार के सहयोग से नए साल पर 70 और एंबुलेंस खरीदने की योजना है.
इन सेवाओं का लाभ पिछले ग्रामीण इलाकों मे प्राथमिकता से दिया जाएगा, क्योंकि इन इलाकों में बीमार पशुओं के इलाज के कई-कई किलोमीटर दूर पशु चिकित्सा केंद्र होते हैं. वहां पहुंचने के लिए पशुओं को ट्रेक्टर या टॉली में लादना होता है. कई बार तो बीमार पशुओं को पैदल ही ले जाना पड़ता है.
ये एक बड़ा मसला है, जिसके समाधान के लिए हरियाणा पशु विभाग ने मोबाइल एंबुलेंस सेवा चालू करने का फैसला किया है, जिसमें पशु चिकित्सक के साथ पैरामेडिकल स्टाफ, टेस्ट की सुविधा, दवाएं आदि उपलब्ध होंगी, जिससे कि इंमरजेंसी के हालात में भी बीमार पशुओं की सेहत को सुधारने में मदद मिलेगी.वहीं, जिन इलाकों में पशुपालन बड़े पैमाने पर हो रहा है, वहां 24 घंटे पशु एंबुलेस की सेवाएं दी जाएंगी.
हाइड्रोलिक लिफ्ट से मिलेगी मदद
इन पशु एंबुलेंस में हाइड्रोलिक लिफ्ट भी लगाई गई है, जिससे इमरजेंसी के वक्त बीमार पशु को फटाफट लोड करके नजदीकी पशु चिकित्सालय में पहुंचाया जा सकता है. ऐसा तब होगा, जब ऑन-सपॉट बीमार का इलाज करना मुश्किल हो जाए. इस सुविधा के लिए राज्य पशुपालन विभाग के नंबर-112 या दूसरे इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे. हरियाणा के हर विकासखंड में ऐसा पशु एंबुलेंस सेवा पहुंचाने की योजना है.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित मोबाइन वेटरनरी यूनिट परियोजना एक पंचवर्षीय स्कीम है, जिसके तहत बीमार पशुओं को ऑनसाइट चिकित्सा सेवाएं मुहैया करवाने के लिए मोबाइल एंबुलेंस की खरीद के लिए धनराशि जारी की जा चुकी है. जल्द हरियाणा के साथ-साथ बाकी राज्यों में भी मोबाइल एंबुलेंस की सेवाएं मिलेंगी.
लंपी जैसी बीमारियों से मिलेगी राहत
एक तरीके से देखा जाए तो अब दुधारु पशु भी अनिश्चितकालीन बीमारियों की चपेट में आने लगे है. लंपी त्वचा रोग इसका प्रमुख उदाहरण है, जिसके चलते हजारों दुधारु पशु अपनी जान गवां चुके हैं.ये एक चिंता का विषय है, क्योंकि इसका सीधा असर पशुपालक पर और दूध-डेयरी के बिजनेस पर पड़ रहा है. ऐसे में पशु एंबुलेंस की सेवाएं चालू करने से पशुओं को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है.
रिपोर्ट्स की मानें तो हरियाणा में चलाई जा रही इन पशु एंबुलेंस की कीमत 16 लाख से भी ऊपर है, जिसमें वेटरनरी टूल्स, हल्की सर्जरी, कृत्रिम गर्भाधान और पशु रोगों की जांच की भी सुविधा मौजूद है. ऐसा अनुमान है कि एक लाख की आबादी वाले गांव में प्राथमिकता से इन एंबुलेंस और चिकित्सा टीम को तैनात किया जाएगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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