Heat Wave Side Effects: देश में गर्मियों का सीजन शुरू हो गया है. तापमान 45 डिग्री तक पहुंचने लगा है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में गर्मी और अधिक चरम पर होगी. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है. गर्मी से जहां फसल को नुकसान होने का खतरा रहता है. ऐसे में पशुओं का ख्याल रखे जाने की विशेष जरूरत है. बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधान विभाग की ओर से हीटवेव से पशुओं को बचाने के लिए जरूरी टिप्स जारी किए हैं तो जानते हैं कि किस तरह पशुओं को गर्मियोें से बचाव किया जा सकता है? 


पशुओं में ये दिखे लक्षण तो रहें अलर्ट


बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुपालकों को एडवाइजरी जारी की है. विभाग ने किसानों से अपील की है कि अप्रैल में गर्मी तेज होने लगती है. लू का खतरा बना रहता है. इससे व्यक्ति के अलावा पशु भी चपेट में आ जाते हैं. यदि पशु के दुग्ध उत्पादन कमी आई है. भूख कम लग रही है या पेट गड़बड़ होने जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो समझ जाएं कि पशु हीटवेव की चपेट में आ गए हैं. गर्मियों में पशुओं के शरीर में पानी और नमक की मात्रा बहुत अधिक घट जाती है. 


इस तरह की दें डाइट


अधिक गर्मी या लू से बचाव के लिए सबसे जरूरी होता है कि पशुओं की बॉडी में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए. उसे समय समय पर पानी पिलाते रहें. पशुओं को खाने के लिए हरा चारा अधिक देना चाहिए. गर्मियों में एजोला घास चारे के रूप में देनी चाहिए. इससे प्रोटीन, कार्बाेहाइड्रेड, विटामिन और खनिज प्रॉपर मिल जाते हैं. 


फास्फोरस की कमी न होने दें


गर्मियों में पशुओं में फास्फोरस की कमी बिल्कुल नहीं होने देना चाहिए. फास्फोरस की कमी होेने पर पशु अपना यूरिन चाटने लगते हैं. मिटटी चाटते हैं. इससे उनके बीमार होने का खतरा बहुत अधिक हो जाता है. फास्फोरस की पूर्ति के लिए पशुओं को चारे मेें नमक मिलाकर देना चाहिए. वहीं, गर्मी बढ़ने पर लंगड़ा रोग होने की संभावना अधिक रहती है. इसलिए किसी तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाएं. 




ये भी पढ़ें: Fire Safety Tips: लू से खेतों में लग जाती है आग, कृषि विभाग ने किसानों के बचाव के लिए जारी किए ये टिप्स