Alert! आपके यहां अभी भी बिगड़ सकता है मौसम का रुख... किसान भाई जरा सावधान रहें
देश के कुछ हिस्सों में मौसम साफ है. वहीं कई राज्यों में बारिश, ओलावृष्टि का खतरा अभी भी बना हुआ है. किसानों को बचाव के लिए खेत में जरूरी इंतजाम करने की जरूरत है.
Heavy Rain Damage Crop: देश में पिछले कई दिनों से कई राज्यां में मौसम साफ है. वहीं, कई राज्यों में अभी भी ओलावृष्टि और बारिश होने का खतरा बना हुआ है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर भारत के राज्यों में पिछले कुछ दिनों में तेजी से गर्मी बढ़ी है. इस गर्मी का नतीजा उत्तर भारतीय राज्यों को तेज बारिश के रूप में भुगतना पड़ सकता है. हालांकि देश के कुछ राज्यों में हालात उतने ठीक नहीं हैं.
क्या है मौसम विभाग का अनुमान?
भारतीय मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों तक देश में मौसम की स्थिति कुछ ठीक नहीं बताई है. हिमालयी राज्य उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है. इन राज्यों में 8 से 11 फरवरी के बीच मौसम बिगड़ सकता है. इसके अलावा पूर्वात्तर भारत के अरुणांचल प्रदेश, असम, मेघालय में भी 7 से 8 फरवरी को ओलावृष्टि हो सकती है. वहीं, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड में मौसम खुला रहेगा. हालांकि सुबह-शाम की तेज ठंड हो सकती है. यदि गर्मी अधिक बढ़ी तो बारिश होने की भी पूरी संभावना है.
बारिश हो तो किसान ऐसे करें बचाव
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अभी बारिश होने की पूरी संभावना है. इसलिए सबसे जरूरी है कि खेत में जल निकासी की प्रॉपर व्यवस्था होनी चाहिए. यदि जलनिकासी सही ढंग से नहीं होगी तो खेतों में पानी भर जाएगा. इसे फसलों के सड़ने गलने का खतरा बढ़ जाएगा. फसलों में झुलसा समेत अन्य रोग भी लग जाएंगे.
समतल भूमि न हो, रखें ख्याल
खेत हो या अन्य जगह, समतल भूमि या पर फिर गडढे वाले स्थानों में जलभराव अधिक होता है. इसलिए यह ध्यान रखें कि खेत की जुताई करते समय यह थोड़ा ढलाननुमा होना चाहिए. इस तरह के खेत में पानी जमा नहीं हो पाता है. खेत को थोड़ा उंचा रखकर भी खेती की जा सकती है. यदि समतल भूमि भी है और जलभराव की स्थिति है तो किसान खेतों में मेडो को काटकर नाली बनाकर भरे हुए पानी को बाहर निकाल सकते हैं.
यह भी कर सकते हैं छिड़काव
विशेषज्ञों की राय है कि 750 ग्राम जिंक, पांच किलो यूरिया को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर दें. इसमें दो पैकेट एनपीके निश्चित मात्रा में मिला लें. इसके अलावा प्रति एकड़ चार-पांच बैग जिप्सम के जरूर डालें लें. इससे पानी को अच्छे तरह से सोखने में मदद मिलेगी.
इन फसलों को हो सकता है नुकसान
देश के कई हिस्सों में रबी सीजन की फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. किसानों ने गेहूं, मटर, टमाटर, धान, सोयाबीन, लहसुन, प्याज समेत अन्य फसलों की बुवाई की है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि हलकी फुलकी बारिश से फसल का नुकसान नहीं होगा. लेकिन यदि तेज बारिश हुई और ओलावृष्टि का खतरा हुआ तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. किसान इससे बचाव के लिए तैयार रहें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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