Glyphosate Ban In Tamil Nadu: केंद्र सरकार के हर्बीसाइड ग्लाइफोसेट के बैन करने के बाद अब राज्य सरकार भी इसके बैन को लेकर कदम उठा रहे हैं. केंद्र सरकार ने मनुष्य और जानवरों के स्वास्थ्य के प्रति इसके निगेटिव नतीजे को देखते हुए बैन करने का निर्णय लिया था. इसी को आधार बनाकर स्टेट गवर्नमेंट भी कदम उठा रही हैं. हर्बीसाइड, ग्लाइफोसेट का सबसे ज्यादा प्रयोग सोयाबीन, पफील्ड कॉर्न, चारागाह आदि में किया जाता है. लोगों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार कदम उठा रही है, इसलिए यह कदम उठाया गया. 


तमिलनाडु सरकार ने किया बैन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हर्बीसाइड ग्लाइफोसेट को अब केंद्र सरकार के बाद तमिलनाडु गवर्नमेंट ने बैन कर दिया है. तमिलनाडु के कृषि निदेशक ने प्रदेश के सभी जिलों के संयुक्त निदेशकों को निर्देश जारी कर दिया है. कहा है कि थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेताओं को तुरंत हर्बीसाइड ग्लायसोफेट की बिक्री रोक दी जाए. गोदाम और दुकान में स्टॉक किए गए ग्लाइफोसेट का सही आकलन करने का आदेश दिया है. स्टॉक का सही आंकलन होने पर ही बिक्री रोकने का अग्रिम आदेश जारी कर दिया जाएगा. निर्देश में ये भी जानकारी दी जाएगी कि ग्लाइफोसेट और उसके डेरिवेटिव यानि अवयव केवल कीट नियंत्रण ऑपरेटरों को ही बेचे जाने चाहिए. इसकी बिक्री की सारी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को दी जाएगी. 


चाय बागानों में खरपतवार नियंत्रक के रूप में आता है काम
इस केमिकल का यूज चाय बागानों में किया जाता है. यह चाय बागानों में पिछले 40 सालों से खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा अन्य फसलों में भी यह खरपतवार नाशक के रूप में ही काम आता है.


केंद्र सरकार जारी कर चुकी है अधिसूचना
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के अनुसार,  ‘‘ग्लाइफोसेट का उपयोग प्रतिबंधित है और कोई भी व्यक्ति, कीट नियंत्रण परिचालकों को छोड़कर ग्लाइफोसेट का उपयोग नहीं करेगा. कंपनियों को ग्लाइफोसेट और उसके डेरिवेटिव के लिए दिए पंजीकरण प्रमाणपत्र को पंजीकरण समिति को वापस करने होंगे. लेबल और पत्रक पर बड़े अक्षरों में चेतावनी शामिल की जाएगी. अधिसूचना में कहा गया है कि पीसीओ के माध्यम से ग्लाइफोसेट फॉर्मूलेशन के लिए अनुमति दी जाएगी.


3 महीने में वापस देने होंगे सर्टिफिकेट
अधिसूचना में कहा गया है कि कंपनियों को प्रमाणपत्र वापस करने के लिए तीन महीने का समय है. यदि तीन महीने में प्रमाणपत्र में वापस नहीं होते हैं तो कीटनाशक अधिनियम, 1968 के प्रावधानों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकारों को इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए कदम उठाने चाहिए. ग्लाइफोसेट को प्रतिबंधित करने वाली अंतिम अधिसूचना दो जुलाई, 2020 को मंत्रालय द्वारा एक मसौदा जारी किए जाने के दो साल बाद आई है.


160 देशों में हो रहा इस्तेमाल
ग्लाइफोसेट और इसके फॉर्मूलेशन वैश्विक रूप से रजिस्टर्ड हैं. फिलहाल इसके प्रयोग की स्थिति देखें तो यूरोपीय संघ और अमेरिका सहित 160 से अधिक देशों में इसका यूज किया जा रहा है. दुनियाभर के किसान सुरक्षित और खरपतवार नियंत्रण के लिए प्रभावी मानते हैं. वहीं भारत सरकार ने इसे मनुष्य और जानवर दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरे के रूप में देखा है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.