Drone In Agriculture: देश में किसान उन्नत तरीके से खती कर रहे हैं. केंद्र सरकार भी किसानों की आय बढ़ाने की हर संभव कोशिश करती हैं. खेती में ड्रोन ऐसी ही तकनीक है, जिसने खेती करने के तौर तरीकों को ही बड़े लेवल पर बदल दिया है. ड्रोन के उपयोग से किसानों की इनकम भी बढ़ी है, साथ ही समय की बचत भी अधिक हो रही है. अब वैज्ञानिकों ने हाई क्वालिटी वाला ऐसा ही ड्रोन विकसित किया गया है.
बीएचयू के वैज्ञानिकों ने विकसित किया ड्रोन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीएचयू कृषि विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने ऐसा ड्रोन बनाया है. खेती बाड़ी में किसानों की ये काफी मदद करेगा. महज 15 मिनट में यह एक एकड़ फसल पर कीटनाशक और यूरिया का छिड़काव कर देगा. इसका फायदा यह होगा कि जल्दी छिड़काव करने के कारण किसानों का समय अधिक बच सकेगा.
ड्रोन बनाने पर हुए 10 लाख रुपये खर्च
ड्रोन को बनाने में करीब 10 लाख रुपये की लागत आई है. इससे मल्टी सेंसर युक्त बनाया गया है. कई कैमरे भी लगे हैं. इससे फसल की सही जानकारी लेकर सही जगह पर कीटनाशक, नैनो यूरिया का आसानी से छिड़काव किया जा सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि देश के अधिकांश हिस्से में अभी तक पारंपरिक तरीके से यूरिया, कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है. इसका नुकसान यह होता है कि लागत अधिक आती है, और समय खर्च होता है. इसके अलावा कीटनाशक के संपर्क में सीधे किसान आते हैं. इससे त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा बना रहता है. लेकिन ड्रोन के उपयोग के बाद ऐसा नहीं होगा.
खेत में किया जा चुका है परीक्षण
बीएचयू के वैज्ञानिक ड्रोन का खेत में परीक्षण भी कर चुके हैं. जमालपुर ब्लाक में किसान के यहां इसका प्रयोग किया जा चुका है. अधिकारियों ने बताया कि एक एकड़ गेहूं की फसल में नैनो उर्वरक छिड़काव करने में इसका परीक्षण किया गया. छिड़काव करने में सिर्फ 15 मिनट का समय दर्ज किया गया. विशेषज्ञों का कहना है कि एक एकड़ गेहूं की फसल में पांच सौ एमएल तरल नैनो यूरिया का छिड़काव होता है. इससे खेती को बहुत अधिक लाभ होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.