Coffee Production: हमारे देश में लोग चाय के बाद अगर किसी पेय पदार्थ का सेवन करना पसंद करते हैं तो वह कॉफी है. कॉफी को लेकर युवाओं में खासा क्रेज देखने को मिल रहा है. इसे सेहत के लिए भी अच्छा बताया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कॉफी की खेती कैसे होती है. आइए हम आपको बताते हैं...
देश के दक्षिणी पहाड़ी इलाकों में कॉफी की खेती मुख्य तौर पर होती है. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में कॉफी की अधिक पैदावार की जाती है. कॉफी के पौधे एक बार लगने के बाद सालों तक इसकी पैदावार होती है. इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेत की मिट्टी को ढीला करने के लिए जुताई करनी चाहिए. उस स्तर के क्षेत्र के बाद. फिर कुछ दिनों के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें. खेत को समतल करने के बाद चार या पांच मीटर की पंक्ति और चार मीटर की पंक्ति की दूरी वाले गड्ढे तैयार करें और प्रत्येक पंक्ति में पौधे लगाएं. जब गड्ढा तैयार हो जाए तो पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद और रासायनिक खाद मिट्टी में मिला दें और फिर उसे गड्ढे में डाल दें. सभी गड्ढों को भरने के बाद अच्छी तरह से सिंचाई कर दें. गड्ढे में मिट्टी ठीक से जम जाए इसके लिए फिर गड्ढे को ढक दें और पौधे लगाने से एक महीने पहले गड्ढा तैयार कर लें.
ये है सही तापमान
कॉफी उगाने के लिए 150 से 200 सेंटीमीटर बारिश काफी होती है. यह सर्दियों में खेती के लिए उपयुक्त नहीं है. इस मौसम में इसके पौधे बढ़ना बंद कर देते हैं. इसके पौधों की वृद्धि के लिए 18 से 20 डिग्री तापमान अनुकूल माना जाता है, लेकिन यह गर्मियों में अधिकतम 30 डिग्री और सर्दियों में न्यूनतम 15 डिग्री तक सहन कर सकता है.
ये है सबसे पुरानी कॉफी
भारत में कॉफी की कई किस्में उगाई जाती हैं और वे विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाई जाती हैं. केंट कॉफी को भारत की सबसे पुरानी कॉफी माना जाता है. केरल राज्य में इसका सर्वाधिक उत्पादन होता है. अरेबिका कॉफी को भारत में उत्पादित उच्चतम गुणवत्ता वाली कॉफी माना जाता है. यह कॉफी समुद्र तल से 1000 से 1500 मीटर की ऊंचाई पर उगाई जाती है. मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में उत्पादित. इसके अलावा भारत में अन्य प्रकार की कॉफी भी उगाई जाती है.
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